झांसी | उत्तर प्रदेश में मोन्था तूफान के असर से आई तेज आंधी और बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। झांसी जिले के मोठ थाना क्षेत्र के कुम्हरार गांव में धान की फसल बर्बाद होने से परेशान एक किसान ने शुक्रवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
मृतक किसान की पहचान कमलेश यादव (48) के रूप में हुई है। घटना से पूरे गांव में मातम छा गया है।
धान की फसल बर्बाद, कर्ज और शादी की चिंता से टूटे किसान
कमलेश यादव के बेटे भूपेंद्र यादव ने बताया कि पिता के पास 5 बीघा पैतृक जमीन थी और उन्होंने 10 बीघा खेत बटाई पर लिया था। सभी खेतों में धान की फसल बोई गई थी, जो अब कटाई के लिए तैयार थी।
लेकिन बीते तीन दिनों से लगातार बारिश और तूफानी हवाओं के कारण खेतों में पानी भर गया, जिससे पूरी फसल सड़ गई।
“पिताजी बहुत परेशान थे। कहते थे—‘अब कुछ नहीं बचा’। रात में खाना नहीं खाया और सुबह कमरे में फंदे पर लटके मिले,” बेटे भूपेंद्र ने बताया।
परिजनों के मुताबिक, बेटी की सगाई 15 दिन बाद तय थी और फलदान की तैयारी चल रही थी। फसल के नुकसान और आर्थिक तंगी के कारण कमलेश गहरी चिंता में थे।
मोन्था तूफान ने बढ़ाई किसानों की मुसीबत
पिछले तीन दिनों में यूपी के कई जिलों — झांसी, ललितपुर, जालौन और बांदा — में आंधी और बारिश से खेतों में धान और तिलहन की फसलें बर्बाद हो गईं।
कई जगहों पर बिजली गिरने, पेड़ गिरने और मकान ढहने की घटनाएं भी सामने आई हैं।
कृषि विभाग के मुताबिक, जिले में कई किसानों की फसलें 60–70% तक खराब हो चुकी हैं। प्रशासन ने राहत सर्वे शुरू करने की बात कही है।
गांव में मातम, प्रशासन ने शुरू की जांच
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि कमलेश मेहनती किसान थे, लेकिन लगातार बारिश और नुकसान ने उन्हें तोड़ दिया।






