बनारस घराने की गहराई, अनुशासन, गति और कथा-वाचन के माध्यम से विशाल कृष्णा ने नृत्य की वे बारीकियाँ सामने रखीं जिनसे छात्र सहज रूप से जुड़ते चले गए।
मुजफ्फरनगर। एम.जी. पब्लिक स्कूल में स्पिक मैके के तत्वावधान में आयोजित विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुति में बनारस घराने के युवा और विख्यात कथक नर्तक विशाल कृष्णा ने अपने अद्भुत नृत्यदृकौशल से छात्रदृछात्राओं, शिक्षकों और उपस्थित कलादृप्रेमियों को भावविभोर कर दिया।
एम.जी. पब्लिक स्कूल के सभागार में शुक्रवार को स्पिक मैके द्वारा आयोजित कथक नृत्य प्रस्तुति में बनारस घराने के उदीयमान कलाकार विशाल कृष्णा ने अपनी बहुस्तरीय कला का ऐसा अद्भुत प्रदर्शन किया कि पूरा सभागार तालियों की गूंज से भर उठा। दीप प्रज्ज्वलन के बाद कार्यक्रम की शुरुआत शिव आराधना से हुई, जिसके बाद तीन ताल, श्रृंगार रस तथा अंत में श्रीकृष्ण कथा, माखन चोरी और सूरदास पद पर आधारित गज उद्धार की अत्यंत भावपूर्ण प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

विशाल कृष्णा के साथ उस्ताद शुहैब हसन गायन, उदय शंकर मिश्रा तबला और उस्ताद गुलाम वारिस सारंगी संगत पर थे। तीनों की संगत ने प्रस्तुति को और भी सजीव, गहन और ऊर्जा से भरपूर बना दिया। छात्रों ने लगातार करतल ध्वनि से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। बनारस घराने की गहराई, अनुशासन, गति और कथा-वाचन के माध्यम से विशाल कृष्णा ने नृत्य की वे बारीकियाँ सामने रखीं जिनसे छात्र सहज रूप से जुड़ते चले गए। उन्होंने विद्यार्थियों को कथक की संरचना, ताल की बुनावट, पैर की थाप, छोटे तकनीकी संयोजन और लयकारी की कलात्मकता से परिचित कराया। छात्र पूरे समय प्रस्तुति के प्रति गंभीर, उत्साहित और संलग्न दिखाई दिए। संगीत के साथ ताल मिलाते हुए वे नृत्य की ऊर्जा पर प्राकृतिक प्रतिक्रिया देते रहे। उनके चेहरे की भावदृभंगिमाएँ, गतिभाव और नृत्य के माध्यम से कथा कहने का उनका अंदाज़ दर्शकों को कृष्णलीला की अनुभूति कराता रहा।

1991 में वाराणसी में जन्मे विशाल कृष्णा प्रतिष्ठित आचार्य सुखदेव महाराज के कुल से ताल्लुक रखते हैं। वे पद्मश्री पंडित गोपी कृष्ण के भतीजे और कथक गुरु पंडित मोहन कृष्ण के पुत्र हैं। महज तीन वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी दादी कथक सम्राज्ञी सितारा देवी से नृत्य प्रशिक्षण आरम्भ किया। आगे चलकर उन्होंने पंडित मोहन कृष्ण और पंडित रवि शंकर मिश्रा के मार्गदर्शन में अपनी कला को निखारा। उनकी प्रतिभा को उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार सहित कई प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमति मोनिका गर्ग ने विशाल कृष्णा और सभी संगतकारों को स्मृतिदृचिन्ह देकर सम्मानित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि स्पिक मैके युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज विशाल कृष्णा ने जिस भावपूर्ण तरीके से कथक प्रस्तुत किया, उसने विद्यार्थियों में संस्कृति और शास्त्रीय कला के प्रति नया आकर्षण पैदा किया है।
पुरातन नृत्य-कला शिक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा है और किसी भी कला या कार्य के प्रति सौ प्रतिशत समर्पण ही सफलता की कुंजी है। कार्यक्रम का संचालन अध्यापिका नीति शर्मा ने किया। इस अवसर पर मृदुला मित्तल, नीति मित्तल, भावना सिंघल, मीनू कुमार, सुनीता शर्मा, संगीता मोहन, देवेश त्यागी और अलका त्यागी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं और समस्त स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा।






