शातिर बदमाश पर घोषित था सवा लाख का इनाम, कई राज्यों में थी मिथुन की दहशत
अंधेरे का फायदा उठाकर साथी फरार, एसओजी हेड कांस्टेबल गोली लगने से घायल, भारी हथियार बरामद, सक्रिय गिरोह की कमर टूटी
शामली। सोमवार देर रात शामली पुलिस ने एक अहम ऑपरेशन में कुख्यात बावरिया गिरोह के सरगना मिथुन को मार गिराया। वर्षों से उत्तर भारत की पुलिस के लिए चुनौती बना यह वांछित अपराधी लगातार कई राज्यों की सीमाएं बदलकर वारदातों को अंजाम देता रहा था। मुठभेड़ में एसओजी का एक हेड कांस्टेबल घायल हो गया, जबकि मिथुन का साथी फरार होने में सफल रहा। पुलिस इसे हाल के वर्षों की सबसे बड़ी कार्रवाई मान रही है।
जनपद शामली के वेदखेड़ीदृमंसूरा मार्ग पर सोमवार देर रात हुई पुलिस कार्रवाई में बावरिया गिरोह का सरगना और सवा लाख का इनामी बदमाश मिथुन ढेर हो गया। पुलिस के अनुसार उसके खिलाफ हत्या, लूट, डकैती तथा अन्य गंभीर अपराधों के 20 से अधिक मामले दर्ज थे। वह दिल्ली, पंजाब, वेस्ट यूपी से लेकर तमिलनाडु तक कई राज्यों में सक्रिय रहकर अपराध का नेटवर्क तैयार करने की कोशिश कर रहा था। एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि रात में मुखबिर द्वारा सूचना दी गई थी कि बावरिया गिरोह के कुछ सदस्य वेदखेड़ीदृमंसूरा रोड पर किसी बड़ी वारदात की तैयारी कर रहे हैं। सूचना के आधार पर झिंझाना थाना पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची। पुलिस को देखते ही बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में कुख्यात मिथुन ढेर हो गया।

मुठभेड़ के दौरान एसओजी के हेड कांस्टेबल हरविंदर को बदमाशों द्वारा की गई फायरिंग के दौरान गोली लग गई, जिन्हें ऊन सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर किया गया। वहीं झिंझाना थाना प्रभारी वीरेंद्र कसाना की जैकेट में गोली लगी लेकिन वह सुरक्षित बच गए। पुलिस ने मौके से एक कार्बाइन, मेड इन इटली पिस्टल और कई जिंदा कारतूस बरामद किए। एसपी के अनुसार मिथुन पर शामली में 1 लाख तथा बागपत पुलिस की ओर से 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। कांवड़ यात्रा के दौरान बागपत में महिला से लूट की वारदात के बाद से वह लगातार पुलिस की निगाह में था और लंबे समय से फरार चल रहा था।
तमिलनाडु में भी गिरोह ने की थीं कई लूट, ठिकाने बदलने में था माहिर
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि मिथुन वारदात अंजाम देने के बाद अपने ठिकाने बदलता रहता था। वह कभी पंजाब, कभी साउथ दिल्ली तो कभी जयपुर में छिपकर रहता था। शामली, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर सहित उत्तर भारत के कई जिलों में उसने लूट, डकैती और हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम दिया था। एसपी ने बताया कि मिथुन और उसके गिरोह के सदस्य तमिलनाडु में भी कई आपराधिक वारदातों में शामिल रहे। वर्ष 2017 में झिंझाना के चर्चित भारत कुमार हत्याकांड में भी मिथुन का नाम सामने आया था। पुलिस के अनुसार मिथुन का पहला मुकदमा मारपीट का था, लेकिन इसके बाद वह तेजी से अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया। उसका लक्ष्य दक्षिण और उत्तर भारत में एक संगठित गिरोह खड़ा करना और अपना दबदबा बढ़ाना था। पुलिस के अनुसार वह लगातार राज्यों की सीमाएं पार कर नए अपराधियों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहा था।
शामली जिले में हाल के महीनों में पुलिस ने तीन बड़े इनामी अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया है। 18 अक्टूबर को भभीसा गांव के जंगल में एक लाख के इनामी नफीस को पुलिस ने ढेर किया था। 24 अक्टूबर को भोगी माजरा के पास संजय जीवा गैंग के शूटर फैसल को मुठभेड़ में मार गिराया गया था। इस घटना में सिपाही दीपक घायल हुआ था। अब तीसरी बड़ी कार्रवाई में बावरिया गिरोह के सरगना मिथुन को ढेर किया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन लगातार कार्रवाइयों से जिले में सक्रिय गैंगों की कमर टूट गई है और अपराधियों पर प्रभावी रोक लगी है।






