प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका गर्ग ने बताया कि इस यात्रा ने उन्हें नए विचारों और प्रयोगों के लिए प्रोत्साहित किया, जो उनकी शिक्षा के साथ-साथ उनकी व्यक्तिगत वृद्धि में भी सहायक साबित होंगे
मुजफ्फरनगर। एम.जी. पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं ने हाल ही में एक शैक्षिक भ्रमण में फैशन और डिजाइन का अध्ययन किया। इस एजुकेशनल टूर में वे स्कूल ऑफ फैशन के रूप में पहचान रखने वाली बेनेट यूनिवर्सिटी, नोएडा में पहुंचे। इस अवसर पर विद्यार्थियों को न केवल फैशन और डिजाइन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई, बल्कि उन्हें इस क्षेत्र के नवीनतम शैक्षिक दृष्टिकोण और रचनात्मक प्रक्रियाओं का अनुभव भी हुआ। विद्यार्थियों के लिए यह अवसर शिक्षा और रचनात्मकता का एक अनूठा संगम रहा।
प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका गर्ग ने बताया कि यह भ्रमण छात्रों के लिए एक अमूल्य अनुभव साबित हुआ है। वे न केवल फैशन और डिजाइन की उच्चतम शिक्षा से रूबरू हुए, बल्कि उन्होंने इनोवेटिव लर्निंग स्पेस में भी भाग लिया और एक वैराइटी के क्रिएटिव कार्यों में अपने कौशल का प्रदर्शन किया। इस टूर ने विद्यार्थियों के सोचने और रचनात्मकता के दायरे को एक नया आयाम दिया है।
भ्रमण के दौरान छात्र-छात्राओं को जूट और कॉटन बैग पर ब्लॉक-प्रिंटिंग गतिविधि में भाग लेने का अवसर मिला। इस कार्यशाला में विद्यार्थियों ने न केवल अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति को उभारा, बल्कि यह भी सीखा कि फैशन और कला का एक ठोस रिश्ता होता है, जो उनके सोचने और कार्य करने के तरीकों को आकार देता है। इस एजुकेशन टूर का उद्देश्य केवल शैक्षिक जानकारी ही देना नहीं था, बल्कि विद्यार्थियों को अपने विचारों और क्रिएटिविटी को अनलॉक करने के नए तरीके दिखाना भी था।
प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका गर्ग ने बताया कि इस यात्रा ने उन्हें नए विचारों और प्रयोगों के लिए प्रोत्साहित किया, जो उनकी शिक्षा के साथ-साथ उनकी व्यक्तिगत वृद्धि में भी सहायक साबित होंगे। असल में, शिक्षा का उद्देश्य जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझना और अपनी रचनात्मकता के माध्यम से खुद को व्यक्त करना है। इस तरह के शिक्षा टूर विद्यार्थियों को न केवल नए ज्ञान से परिचित कराते हैं, बल्कि यह उन्हें प्रेरित भी करते हैं कि वे अपने जीवन में कुछ नया करने के लिए हमेशा तत्पर रहें। इस टूर पर विद्यालय के 30 छात्र-छात्राओं के दल का नेतृत्व शिक्षिका डॉ. श्वेता और शिक्षक प्रवीण गोयल ने किया, जिन्होंने बच्चों को हर कदम पर मार्गदर्शन और प्रोत्साहन दिया। इन शिक्षकों के मार्गदर्शन में बच्चों ने न केवल शैक्षिक यात्रा का आनंद लिया, बल्कि अपनी रचनात्मकता को भी पूर्ण रूप से व्यक्त किया।






