अच्छी नौकरी मिलने के भरोसे पर मिल रहा कम वेतन, समाज से ठगी पर रोष, सिक्योरिटी नहीं देने पर वेतन से हो रही कटौती
मुजफ्फरनगर। अच्छी नौकरी और उज्ज्वल भविष्य का सपना दिखाकर वाल्मीकि समाज के सैकड़ों परिवारों के अरमानों पर एक बार फिर से पानी फेरने का काम किया जा रहा है। शहर को गारबेज फ्री सिटी बनाने का दावा और वादा लेकर सफाई व्यवस्था में शहर के 55 वार्डों और डलावघरों से कूड़ा निस्तारण का काम कर रही जेएस एनवायरो सर्विसेज प्रा. लि. मयूर विहार दिल्ली नामक कंपनी पर आरोप है कि उसने 350 कर्मचारियों से 30-30 हजार रुपये सिक्योरिटी मनी के नाम पर वसूले, लेकिन वादों के विपरीत कम वेतन देकर लोगों को ठगा। सिक्योरिटी जमा न कराने वालों के वेतन से लगातार कटौती की जा रही है, जिससे समाज में गहरा रोष व्याप्त है। इस कथित ठगी ने न सिर्फ कर्मचारियों के साथ आर्थिक खिलवाड़ किया बल्कि विश्वास और उम्मीद पर भी गहरी चोट पहुंचाई है।
शहर में सफाई व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन और इसको गारबेज फ्री सिटी बनाने के लिए नगरपालिका परिषद् ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 1.30 करोड़ रुपये प्रतिमाह की दर से तीन वित्तीय वर्ष यानि 36 माह ;2028द्ध तक निजी क्षेत्र की कंपनी जेएस एनवायरो सर्विसेज प्रा. लि. मयूर विहार दिल्ली को टैण्डर स्वीकृत कर ठेका दिया। इससे पहले एमआईटूसी कंपनी 92 रुपये प्रतिमाह की दर से कार्य कर रही थी, लेकिन कंपनी द्वारा शर्तों का उल्लंघन, कर्मचारियों का आर्थिक शोषण और लापरवाही बरते जाने पर कंपनी से अनुबंध आगे नहीं बढ़ाया गया। अब नई कंपनी को लेकर भी ऐसे ही मामले सामने आने लगे हैं।
सूत्रों के अनुसार शहर के 55 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन और डलावघरों से प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण करने के लिए जेएस एनवायरो सर्विसेज काम कर रही है। इसमें करीब 350 कर्मचारियों को कंपनी ने यहां पर हायर किया है, जिसमें बड़े स्तर पर वाल्मीकि समाज के ही लोग शामिल हैं। आरोप है कि कंपनी ने नौकरी देने के नाम पर कर्मचारियों से 30-30 हजार रुपये पहले ही सिक्योरिटी मनी के रूप में नकद प्राप्त किये हैं। ऐसे में देखा जाये तो कंपनी के द्वारा शहर में काम करने से पहले ही कर्मचारियों से सिक्योरिटी मनी के रूप में करीब एक करोड़ से ज्यादा का धन गैर कानूनी और शर्तों के विपरीत एकत्र कर लिया गया है। इसी को लेकर पूर्व में कर्मचारियों ने हंगामा भी किया था और पालिका प्रशासन के द्वारा कंपनी के लोगों को सख्ती के साथ चेतावनी भी दी थी, लेकिन इसके बावजूद भी वाल्मीकि समाज से यह ठगी और लूट कंपनी ने बंद नहीं की। जेएस एनवायरो कंपनी में यहां प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में कार्य कर रहे नीतेश चौधरी से कर्मचारियों के आरोपों के संदर्भ में पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।
पालिका से लिये 1.95 करोड़, जमा किये डेढ़ लाख
मुजफ्फरनगर नगरपालिका परिषद् के साथ अनुबंध के आधार पर शहरी सफाई व्यवस्था के लिए काम कर रही जेएस एनवायरो सर्विसेज प्रा. लि. कंपनी ने पालिका से डेढ़ माह के कार्य के लिए 01 करोड़ 95 लाख रुपये का भुगतान प्राप्त कर लिया है, जबकि पालिका को टिपिंग फीस के लिए इस डेढ़ माह में अभी तक मात्र करीब डेढ़ लाख रुपया ही जमा कराया गया है।
पालिका की अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि कंपनी के द्वारा किये जा रहे कार्य को लेकर कोई गंभीर शिकायत सामने नहीं आई है। कंपनी को पालिका ने जुलाई के 15 दिन और अगस्त माह का पूरा भुगतान किया है। कंपनी को 1.30 करोड़ रुपये मासिक का भुगतान तय है। तीन वित्तीय वर्ष के 36 माह का अनुबंध पालिका ने किया है। एमआईटूसी जब तक कर्मियों का बकाया देने की लिखित गारंटी जमा नहीं कराती, उसका भुगतान नहीं किया जायेगा। जेएस एनवायरो सर्विसेज के खिलाफ यदि अनुबंध के विपरीत कार्य करने और शर्तों के उल्लंघन का मामला सामना आता है तो कंपनी पर जुर्माना लगाने का अधिकार पालिका के पास है। कार्यवाही की जायेगी।
शर्तों का उल्लंघन कर मनमर्जी कर रही कंपनी, लुट रहा समाज
मुजफ्फरनगर। कंपनी जेएस एनवायरो में काम कर रहे कुछ कर्मचारियों ने बताया कि वेतन के नाम पर 8 से 10 हजार ही दिये जा रहे हैं, जो न्यूनतम दैनिक मजदूरी के आधार पर भी नहीं है। जिन कर्मचारियों ने सिक्योरिटी मनी का पैसा पहले जमा नहीं किया, उनके वेतन से सिक्योरिटी मनी के तय किये गये 30 हजार रुपये मासिक आधार पर किश्त के रूप में काटे जा रहे हैं। इसको लेकर वाल्मीकि समाज के लोगों ने अपने नेताओं से शिकायत भी की। सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नीरज बिडला का कहना है कि कंपनी ने वाल्मीकि समाज के साथ लूट की दुकान खोल ली है। 30 हजार से ज्यादा भी सिक्योरिटी मनी लेने का आरोप लगाते हुए उन्होंने वो जल्द ही इस मामले में पालिकाध्यक्ष से लिखित शिकायत करेंगे। वेतन 8 हजार ही दिया जा रहा है। ऐसे में काफी कर्मचारी शोषण को देखकर नौकरी छोड़ चुके हैं। कंपनी की कार्यप्रणाली भी सही नहीं है, अभी कंपनी को तीन साल काम करना है, पहले ही दिनों में काफी शिकायत सामने आ रही हैं। समाज में इसको लेकर रोष बना हुआ है।
वाल्मीकि समाज के युवाओं से लूट पुरानी परम्परा बन गई
वाल्मीकि समाज के नेता चमनलाल ढिंगान ने कहा कि सिक्योरिटी मनी लेने का कहीं भी कोई प्रावधान नहीं है, पहले भी हमने संगठन की ओर से इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए शिकायत की और प्रदर्शन भी किया था, लेकिन यह लूट जारी है। सभी वार्डों में शत प्रतिशत डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन नहीं हो रहा है। डलावघर बंद कराने के बाद भी सड़कों पर कू़ड़ा गन्दगी दिखाई दे रही है। खुले वाहनों से कूड़ा ले जाया जा रहा है। शर्तों का कंपनी उल्लंघन कर रही है। चमनलाल का कहना है कि वाल्मीकि समाज के युवाओं से लूट पुरानी परम्परा बन गई है। पहले एटूजेड इनफ्रास्टक्चर ने प्लांट में नौकरी के नाम पर लूटा, इसके बाद जेके इंटरनेशनल कंपनी ने 300 से ज्यादा कर्मियों को भर्ती कर सिक्योरिटी मनी के नाम पर पैसा लिया और भाग गई, इसके बाद एमआईटूसी ने भी कर्मियों का वेतन नहीं दिया और भाग गई अब जेएस एनवायरो सर्विसेज में समाज से लूट का खेल खेला जा रहा है। 10 सितम्बर को लखनऊ में बड़ा प्रदर्शन है, इसके बाद यहां समाज की समस्याओं को उठाया जायेगा।