विदेश भेजने के नाम पर लगाया चूना, लंबी जांच के बाद पुलिस ने दर्ज किया शातिर पिता-पुत्र के खिलाफ मुकदमा
मुजफ्फरनगर। विदेश भेजने के नाम पर खूब कबूतरबाजी हो रही है। राजस्थान के दो युवकों को भी ऐसे ही जाल में फंसाया गया और उनको विदेश में अच्छी नौकरी का लालच देकर उनसे 18 लाख रुपये ठग लिये गये। यूके भेजने के लिए सौदा तय हुुआ, लेकिन लंबी चक्करबाजी के बाद दुबई भेजा गया। इस यात्रा में युवकों को गंभीर परेशानियों से गुजरना पड़ा और उनको वहां की सरकार ने वापस स्वदेश भेज दिया। ठगी का पता चलने पर जब पैसे मांगे तो उनको धमकाया और डराया गया। शिकायत की तो पुलिस ने भी सुनवाई में आना-कानी की और फिर लंबी जांच के बाद अब आखिरकार शातिर पिता पुत्र के खिलाफ पुलिस ने कार्यवाही करते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया है।
राजस्थान के जनपद हनुमानगढ़ के ग्राम हसलिया निवासी असलम खान पुत्र शकूर और नजर मौहम्मद पुत्र गफूर ने जून 2025 में पुलिस कार्यालय पहंुचकर एसएसपी के नाम एक प्रार्थना पत्र एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत को दिया था। असलम और नजर का आरोप था कि उनको विदेश भेजने के नाम पर उनके साथ बड़े स्तर पर धोखाधड़ी की गई है। दोनों युवकों ने परेदशी बताते हुए कहा था कि यहां पर पुलिस उनकी कोई भी मदद नहीं कर रही है। थाने और चौकी पर उनकी सुनवाई ही नहीं की जा रही है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एसपी सिटी ने 3 जून 2025 को मामले की जांच सीओ नई मंडी को सौंपी और और स्पष्ट आदेश दिये थे कि वो स्वयं यह जांच करें कि राजस्थान के युवकों के सााि संज्ञेय अपराध हुआ है या नहीं। सीओ नई मंडी की जांच आख्या आने के बाद एसपी सिटी ने प्रकरण में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये।
असलम खान ने पुलिस को बताया कि जनवरी 2024 में मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर उनकी मुलाकात फहीम पुत्र इकराम के साथ हुई। मुलाकात के बाद बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ा तो फहीम ने असलम और नजर को बताया कि उसके पिता इकराम लोगों को नौकरी के लिए यूके भिजवाने का काम करते हैं। अभी वो काफी लोगों को यूके में नौकरी और कारोबार कराने के लिए भेज चुके हैं। फहीम की बातों पर यकीन कर असलम और नजर भी यूके में नौकरी के लिए जाने की लालसा पाल बैैठे और उसके साथ बात को आगे बढ़ाने के लिए उसके गांव बझेड़ी पहुंच गये। वहां फहीम ने दोनों की मुलाकात अपने पिता इकराम, चाचा वसीम और भाई सुहैल के साथ कराई।
असलम के अनुसार उन्होंने जब यूके में नौकरी की इच्छा जाहिर की तो इकराम आदि सभी आरोपियों ने उनके यूके भिजवाने का प्रबंध करने का भरोसा दिलाया और असलम व नजर से 18 लाख रुपये के खर्च पर सौदा तय कर लिया। चार लाख रुपये नकद इकराम को दे दिये गये। 14 लाख रुपये फहीम के अकाउंट में ट्रांसफर किये गये। महीनों तक इंतजार के बाद भी उनको यूके नहीं भेजा गया, ज्यादा जोर दिया तो उनको बताया गया कि पहले दुबई जाना पड़ेगा और वहां से यूके का वीजा मिलने में आसानी हो जायेगी। असलम और नजर अपने सपनों को साकार करने के लिए दुबई चले गये। आरोप है कि वहां पर एक महीने बाद यूके का वीजा दिलवाने का भरोसा दिलाते रहे, लेकिन फिर इकराम ने कहा कि पौलेंड जाना पड़ेगा और वहां से आगे का सफर होगा। असलम के अनुसार जब उनका पोलैंड जाने के दस्तावेज दिये तो जांच में वो फर्जी निकले और दुबई से वो दोनों वापस स्वदेश लौट आये। लौटने के बाद जब वो अपना पैसा मांगने बझेडी पहुंचे तो इकराम और फहीम आदि ने उसके साथ मारपीट की और धमकी दी गई।
नई मंडी थाना प्रभारी दिनेश बघेल ने बताया कि एसपी सिटी के आदेश के अन्तर्गत असलम खान की तहरीर पर नई मंडी थाने में पुलिस द्वारा ग्राम बझेडी निवासी पिता और पुत्र फहीम पुत्र इकराम और इकराम के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 धोखाधड़ी, 406 आपराधिक विश्वासघात, 467 और 468 दस्तावेज़ों की जालसाजी, 471 जाली दस्तावेज़ों का असली के रूप में उपयोग, 323 स्वेच्छा से चोट पहुंचाना, 504 जानबूझकर अपमान करना और 506 आपराधिक धमकी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
साहब! गांधी कालोनी चौकी इंचार्ज रामवीर से न कराई जाये जांच
मुजफ्फरनगर। राजस्थान निवासी असलम और नजर के सामने ठगी के बाद इंसाफ पाने के लिए पुलिस ही सहारा था, लेकिन थाने और चौकी पर पुलिस का जो रूप उन्होंने देखा उससे वो आहत हैं। हालांकि एसपी सिटी ने उनकी भरपूर मदद की, पूरी सुनवाई हुई और मुकदमा भी दर्ज कराया गया, लेकिन इसके लिए इन परदेशियों को न जाने कितने धक्के, पुलिस की डांट और अपमान सहना पड़ा, यही कारण है कि असलम ने अपनी तहरीर में पुलिस के नकारात्मक चेहरे और चौकियों पर भ्रष्टाचार व अपराधियों की साठगांठ की ओर भी इशारा किया। असलम ने एसपी सिटी को दिये पत्र में साफ कहा कि इस प्रकरण की जांच गांधी कालोनी पुलिस चौकी इंचार्ज उप निरीक्षक रामवीर सिंह से न कराई जाये, उनको छोड़कर जनपद में किसी भी उप निरीक्षक को जांच दे दी जाये, इसका कारण बताते हुए असलम ने कहा कि एसआई रामवीर सिंह और चौकी पर तैनात उनके हमराही सिपाही इमरान अली की आरोपी फहीम और उसके पिता के साथ मधुर सम्बंध हैं और इस कारण यदि उनको जांच मिलती है तो यह निष्पक्ष नहीं हो पायेगी। इसी कारण प्रकरण की जांच गांधी कालोनी चौकी इंचार्ज को नहीं दी गई और उप निरीक्षक रूपेश कुमार को सौंपी गई है।







