मुजफ्फरनगर। पंजाब में आई भीषण बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। खेत खलिहान जलमग्न हैं, घरों में पानी भर चुका है और सड़कों पर सन्नाटा पसरा है। ऐसे मुश्किल समय में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत स्वयं राहत कार्यों की अगुवाई करते हुए पिछले तीन दिनों से लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। किसानों और ग्रामीणों की पीड़ा को न केवल सुन रहे हैं, बल्कि तत्काल राहत पहुंचाने के प्रयासों में भी जुटे हैं।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत इन दिनों पंजाब के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के दौरे पर हैं। वह लगातार प्रभावित गांवों में पहुंच कर ग्रामीणों से मिल रहे हैं, उनकी समस्याएं सुन रहे हैं और राहत पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। भाकियू ने मंगलवार से ही राहत और भोजन सामग्री भेजने का कार्य शुरू कर दिया है। राहत कार्यों को व्यवस्थित रूप देने के लिए भाकियू ने चंडीगढ़ में ‘किसान भवन’ में एक पंजाब बाढ़ राहत बेस कैंप स्थापित किया है। साथ ही, सिसौली स्थित किसान भवन में भी यूनियन के आह्वान पर ग्रामीणजन राहत सामग्री एकत्र कर रहे हैं। यूनियन प्रमुख नरेश टिकैत 5 सितम्बर को यह सामग्री लेकर स्वयं पंजाब के लिए रवाना होंगे।
राकेश टिकैत ने अमृतसर पहुंचकर स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका और वाहे गुरु से पंजाबवासियों की सलामती के लिए अरदास की। दौरे के दौरान उन्होंने एसकेएम (संयुक्त किसान मोर्चा) और भाकियू के पदाधिकारियों से मुलाकात कर राहत प्रयासों पर चर्चा की। बाढ़ प्रभावित गांवों में राकेश टिकैत को भारी तबाही का मंजर देखने को मिला। कई मकान धराशायी हो चुके हैं, और घरों तक तालाब जैसा दृश्य बन चुका है। उन्होंने इन भयावह दृश्यों को अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर वीडियो संदेशों के माध्यम से साझा भी किया, जिससे देश के अन्य हिस्सों तक पंजाब की पीड़ा पहुंच सके।
मीडिया से बातचीत के दौरान टिकैत ने कहा कि पंजाब के किसान और आम नागरिक इस आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। केंद्र सरकार को तत्काल विशेष राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। हम सबको एकजुट होकर इस संकट का सामना करना होगा। किसान कौम बहादुर है, और कभी हार नहीं मानती। मुजफ्फरनगर जनपद से राहत सामग्री लेकर किसान ट्रक के काफिले में पंजाब के लिए रवाना हो चुके हैं, जिन्हें भाकियू के कार्यकर्ता जल्द ही अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाएंगे।