मुजफ्फरनगर। शहर में तेजी से फल-फूल रहे फर्जी अस्पतालों, अल्ट्रासाउंड सेंटरों और मेडिकल लेबोरेट्रीज़ के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन (आंदोलनकारी) ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को संगठन की एक प्रतिनिधिमंडल टीम मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील तेवतिया से मिला और जिले भर में चल रहे अवैध मेडिकल संस्थानों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भाकियू (आंदोलनकारी) के युवा प्रदेश अध्यक्ष शाकिर मुखिया ने किया। उन्होंने सीएमओ के समक्ष शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बिना पंजीकरण और मान्यता के अस्पताल, अल्ट्रासाउंड सेंटर और पैथोलॉजी लैब धड़ल्ले से चल रहे हैं, जिससे आम जनता की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है। उन्होंने कहा कि इन फर्जी संस्थानों पर नकेल कसना बेहद जरूरी है।
इस दौरान एसीएमओ डॉ. विपिन भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि शिकायतों की गंभीरता से जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रतिनिधिमंडल में भाकियू (आंदोलनकारी) के युवा पश्चिम प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस त्यागी, चरथावल ब्लॉक अध्यक्ष शुएब राव, प्रदेश सचिव जोनी, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष सार्थक त्यागी सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल रहे। भाकियू पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही अवैध रूप से संचालित मेडिकल संस्थानों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो संगठन सड़कों पर उतरकर व्यापक आंदोलन करेगा। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि जिले में संचालित सभी अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण कर अवैध रूप से चल रहे संस्थानों को तत्काल बंद कराया जाए।

शेख हसीना को ट्रिब्यूनल ने ठहराया मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी, सुनाई मौत की सजा
ढाका- बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को मृत्युदंड की सजा मिली है। ढाका में मौजूद अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने यह फैसला सुनाया है। बता दें कि शेख हसीना को पिछले साल सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों में आरोपी बनाया गया है। मामले में सरकारी अभियोजकों ने मृत्युदंड की अपील थी। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे एक मामले पर सोमवार को ढाका स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल-बांग्लादेश) की तरफ से फैसला सुनाया गया। ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी ठहराते हुए कहा कि वे अधिकतम सजा की हकदार हैं। इसी के साथ न्यायाधिकरण ने





