मुजफ्फरनगर। यूपी में योगीराज की पुलिस कानून व्यवस्था बनाने में पूरी तरह से कामयाब है, लेकिन सीएम योगी की इस पुलिस की गोलियों से अब खुद भाजपा के लोग ही आहत हैं। पुलिस और प्रशासन की लगातार कार्यवाही में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं तथा उनके परिजनों को निशाने बनाने के मामलों में अचानक बढोतरी हुई है। जनपद में भी कई बार पुलिस और भाजपाइयों का आमना सामना हो चुका है। अब ताजा मामला बुढ़ाना क्षेत्र में हुई कथित पुलिस मुठभेड़ को लेकर बन गया है। इस मुठभेड़ ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। घटना को लेकर जहां पुलिस इसे लूट के बाद हुई मुठभेड़ बता रही है, वहीं ग्रामीण और भाजपा कार्यकर्ता इसे पूरी तरह फर्जी करार दे रहे हैं। क्योंकि इस मामले में लुटेरा बताकर जिस युवक को पुलिस ने मुठभेड़ में गोली मारकर लंगड़ा किया है, वो भाजपा नेता का भाई है। मुठभेड़ के बाद मंगलवार रात से ही तनाव बना हुआ है और बुधवार को पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पर भाजपा नेताओं और ठाकुर समाज के सैकड़ों लोग इकट्ठा होकर पुलिस पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर चुके हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बुढ़ाना कोतवाली की चौकी बायवाला क्षेत्र के गांव जौला निवासी मुजम्मिल ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि कुरथल के पास तीन बदमाश उनकी बाइक और 2,000 रुपये लूट ले गए। सूचना पर पुलिस ने पारसौली नहर पटरी पर चेकिंग की। पुलिस के अनुसार, इस दौरान वहां आये तीन बदमाशों ने गोली चलाई, जिस पर जवाबी कार्रवाई में एक आरोपी रोबिन गोली लगने से घायल हो गया। मौके से तमंचा, कारतूस और लूटी गई बाइक बरामद होने का दावा भी किया गया। इसी को लेकर विवाद खड़ा हो गया। घायल अवस्था में पकड़ा गया रोबिन भाजपा मंडल अध्यक्ष मोनू ठाकुर का चचेरा भाई है। ग्रामीणों का कहना है कि रोबिन को मंगलवार शाम गांव के तालाब से पुलिस जबरन उठा ले गई थी। बाद में उसे जंगल ले जाकर फर्जी मुठभेड़ में गोली मार दी गई। ग्रामीणों के अनुसार रोबिन निर्दाेष है और उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। इस आरोप ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें ग्रामीण और भाजपा मंडल अध्यक्ष मोनू ठाकुर पुलिस कार्रवाई का विरोध करते दिख रहे हैं। वीडियो में यह भी कहा जा रहा है कि रोबिन को तालाब से उठाया गया था। इससे पुलिस की कहानी पर और संदेह गहराता जा रहा है।
पुलिस की इसी कार्यवाही के खिलाफ बुधवार को बुढ़ाना डाक बंगले पर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की पंचायत हुई। इसमें मोनू ठाकुर के साथ ही जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष ठाकुर रामनाथ सिंह, भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष राजू अहलावत और पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष जितेंद्र त्यागी समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। नेताओं ने बुढ़ाना कोतवाल आनंद देव मिश्रा और मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान और भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. सुधीर सैनी भी सक्रिय हुए और उन्होंने जिले के आला अफसरों से इसके लिए फोन पर बात कर नाराजगी जताई। पंचायत में ठाकुर रामनाथ सिंह ने कहा कि निर्दाेष युवक को फंसाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो चाहे आमरण अनशन करना पड़े या पार्टी से इस्तीफा देना पड़े, वे पीछे नहीं हटेंगे। वहीं सीओ गजेन्द्र पाल सिंह का कहना है कि पुकरण में फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम गठित कर दी गई है और रोबिन के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच जारी है।
कई भाजपा नेताओं से हो चुका है पुलिस का पंगा
मुजफ्फरनगर। जनपद में लगातार भाजपा नेताओं और उनके परिजनों के साथ पुलिस का पंगा चल रहा है। इनके खिलाफ कार्यवाही करने से अफसर कतई भी नहीं झिझक रहे। भाजपा अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष अजय सागर को उनके परिवार के सामने ही वाहन चैकिंग के नाम पर अपमानित किया गया। मंत्री कपिल देव नाराज हुए तो दरोगा को हटाया गया। ताजा मामला अवैध असलाह गिरोह का पर्दाफाश कर 17 लोगों की भोपा द्वारा गिरफ्तारी का है। इसमें भाजपा किसान मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष अमित राठी मोरना का नाम गिरोह के बदमाशों के संरक्षण दाता के रूप में एफआईआर की तहरीर में शामिल किया गया। अभी हाल ही में मीरापुर क्षेत्र के गांव कासमपुर खोला में भाजपा नेता अरूण कुमार शर्मा के फार्म हाउस पर बिजली चोरी और बिना अनुमति अपना ट्रांसफार्मर रखने के मामले में उनके दो कर्मचारियों सहित मुकदमा दर्ज कराया गया है और अब बुढ़ाना में भाजपा नेता के भाई को लुटेरा बनाये जाने पर विवाद खड़ा हुआ है।
पहले विपक्ष के नेताओं का था हंगामा, अब सत्ता पक्ष बिलबिलाया
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर पुलिस लगातार अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही कर रही है। ताबड़तोड़ मुठभेड़ हो रही हैं। कई बड़े मामलों का खुलासा पुलिस कर चुकी है। ऐसे में पुलिस की कार्यवाही सवालों के घेरे में भी है। बुढ़ाना पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप नया नहीं है। करीब एक साल पूर्व जुलाई माह में ऐसी ही एक मुठभेड़ को लेकर ग्रामीणों ने विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर बुढ़ाना पुलिस के खिलाफ हंगामा किया था, अब सत्ता पक्ष बिलबिला रहा है। याद रहे कि जुलाई 2024 में रालोद और भाकियू नेताओं ने बुढ़ाना पुलिस द्वारा की गई एक मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए आरोप लगाया था कि अलीपुर अटेरना के ग्राम प्रधान कलवा व पूर्व प्रधान विकास त्यागी द्वारा लूट की वारदात के दो आरोपियों को स्वयं पकड़कर बुढ़ाना पुलिस को सौंपा गया था। इसके बाद सुबह फर्जी मुठभेड़ में दोनों आरोपियों के पैर में गोली मारकर घायल कर दिया गया। बुढ़ाना पुलिस ने इन दोनों आरोपियों से मुठभेड़ दिखाई और जंगल में जवाबी कार्यवाही में उनके पैर में गोली लगना बताया गया। ग्रामीणों ने पुलिस की इस पूरी कहानी को फर्जी बताते हुए इसमें शामिल इंस्पेक्टर बुढ़ाना आनंद देव मिश्रा और अन्य पुलिस कर्मियों के विरु( मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की मांग की है। कोतवाली पर धरना दिया गया, जिसमें पूर्व प्रमुख विनोद मलिक, भाकियू नेता अनुज बालियान, संजीव पंवार, सुधीर प्रधान, रालोद नेता सुरेंद्र सहरावत, गज्जू पठान, सत्यपाल सहरावत सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। अब भाजपाइयों ने बुढ़ाना पुलिस के खिलाफ फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाकर मोर्चा खोला है।







