मुजफ्फरनगर। कड़ाके की सर्दी के बीच एक बुजुर्ग महिला की मौत शहर के अति व्यस्त चैराहे पर मौत हो जाने के बाद जिला प्रशासन पूरी तरह से हरकत में नजर आया। मरने वाली महिला गरीब थी और शहर के चैराहों पर भीख मांगकर तथा कबाड़ बीनकर अपना गुजारा करती थी। खुले आसमान के नीचे इस महिला की मौत होने पर आज जिलाधिकारी स्वयं औचक निरीक्षण पर निकले तो उनको कड़ाके की ठंड में शहर के किसी भी प्रमुख चौराहे पर अलाव जलता हुआ नहीं मिला। इस पर उन्होंने पालिका के अधिशासी अधिकारी को मौके पर बुलाया और अव्यवस्था के लिए उनको जमकर फटकार लगाई। साथ ही सर्दी के दौरान दिन और रात में अलाव जलाने के साथ ही रैन बसेरों में बेसहारा लोगों के रात्रि विश्राम का प्रबंध करने तथा रात में निरीक्षण करने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने अपने सामने ही दिन में कई स्थानों पर लकड़ी डलवाकर अलाव जलवाये। पालिका ईओ को चेतावनी दी गयी कि यदि लापरवाही बरती तो गंभीर कार्यवाही होगी।
ज्ञात रहे कि गुरुवार को थाना सिविल लाइन क्षेत्र के मीनाक्षी चैक के पास एक बुजुर्ग महिला का शव पडा हुआ मिला था। शव की शिनाख्त 60 वर्षीय दुर्गा निवासी गहराबाग के रुप में हुई थी। पुलिस ने दावा किया था कि मृत महिला पिछले काफी समय से बुजुर्ग महिला क्षेत्र में कूडा बीनने का काम करती थी। महिला बुधवार की रात्रि में बुजुर्ग महिला मीनाक्षी चैक के पास बैठी हुई थी। कुछ लोगों से महिला ने खाना मांगा तो उन्होंने उसको खाने के लिए खाना भी दिया था। उसके बाद महिला वहीं सो गयी और सुबह मृत अवस्था में पड़ी मिली। उसका शरीर ठंड के कारण ऐंठा हुआ था। आंशका जताई जा रही है कि बुजुर्ग महिला की मौत रात्रि में ठंड के कारण हुई है, लेकिन प्रशासन से ठंड से मौत की बात से इंकार कर दिया था। एसडीएम परमानंद झा का कहना है आसपास के लोगों से पूछताछ में यह जानकारी मिली है कि महिला शराब की आदी थी। इसमें महिला के फेफड़े खराब थे। वह बीमार थी। उसकी मौत बीमारी से हुई है।
शहर के बीच चौराहे पर महिला की मौत हो जाने के मामले का डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी के द्वारा गहरा संज्ञान लिया गया। वो शुक्रवार को जनपद में बढ़ती हुई शीत लहर के दृष्टिगत शहर के मुख्य चौराहों का औचक निरीक्षण किया और उन्होंने पैदल भ्रमण कर अलाव व्यवस्था का जायजा लिया गया। जिलाधिकारी द्वारा शिव चौक, हनुमान चौक एवं अस्पताल तिराहा पर अलाव की व्यवस्था का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान उनको जानलेवा शीतलहर के बीच भी शहर में कहीं पर अलाव जलते हुए नहीं मिले। इस पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने पालिका के अधिशासी अधिकारी हेमराज सिंह को मौके पर बुलाया और अलाव नहीं जलने पर उनको फटकार लगाई।
ईओ ने बताया कि पूर्व व्यवस्था के अनुसार रात्रि में ही अलाव जलवाये जा रहे, इसके लिए शाम को पालिका के कर्मचारी सभी चिन्हित स्थानों पर व्यवस्था करने निकलते हैं। डीएम ने आदेश दिये कि पालिका स्तर पर रात के साथ ही दिन में भी अलाव जलवाने की व्यवस्था की जायेगी। इस दौरान डीएम ने मीनाक्षी चौक पर पहुंचकर महिला की मौत को लेकर और अलाव व्यवस्था को परखने के लिए आम जनमानस से भी वार्ता की। सभी को आश्वस्त करते हुए जिलाधिकारी द्वारा कहा गया कि जिला प्रशासन बढ़ती ठंड को लेकर हर संभव प्रयास के लिए तत्पर है इसी के साथ उन लोगों को जिलाधिकारी द्वारा स्वच्छता के प्रति प्रेरित भी किया गया। इसके साथ ही जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी द्वारा समस्त नगर पंचायत एवं नगर पालिका परिषद व संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा गया कि जनपद में शीत लहर पूर्व वर्षों के मुकाबले अत्याधिक होने के कारण अलाव एवं रैन बसेरों की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए। उन्होंने ईओ को निर्देश दिये कि वो शहरी क्षेत्र में टीम लगाकर रात्रि में भ्रमण करायें और सड़क पर सोने वाले बेसहारा लोगों को रात्रि विश्राम के लिए प्रेरित करते हुए रैन बसेरों में भिजवाया जाये।
पालिका अभी तक अलाव में जलवा चुकी 800 कुंतल लकड़ी
मुजफ्फरनगर। शहरी क्षेत्र में सर्दी के कारण नगर पालिका प्रशासन द्वारा 36 स्थानों पर अलाव जलवाया जा रहा था, डीएम के निर्देशों पर अब 39 स्थान चिन्हित किये गये हैं। अभी तक पालिका प्रशासन इन अलाव के लिए 800 कुंतल लकड़ी दी जा चुकी है, लेकिन फिर भी डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है। अब दिन में भी 10 स्थानों पर अलाव जलवाये जा रहे हैं, जिसमें लकड़ी आपूर्ति का दबाव और बढ़ गया है।
पालिका के सूत्रों के अनुसार गत वर्ष जब पालिका के 50 वार्ड थे तो पूरे सीजन में करीब 600 कुंतल लकड़ी की आपूर्ति अलाव के लिए की गई थी, लेकिन इस बार अभी तक लगभग 800 कुंतल लकड़ी की आपूर्ति अलाव के लिए हो चुकी है और पालिका के कंपनी बाग में पड़ी काफी लकड़ी अलग से अलाव में दी जा चुकी है। अभी सर्दी को देखते हुए करीब एक माह तक अलाव की व्यवस्था करनी पड़ सकती है। पालिका प्रशासन के द्वारा 36 स्थानों पर अलाव जलवाये जा रहे थे, लेकिन आज से इनकी संख्या 39 कर दी गई है। पालिका के वाटिका सुपरवाइजर लिपिक दुष्यंत चौधरी ने बताया कि मंगलवार से दिन में भी 10 स्थानों पर अलाव जलवाये जा रहे हैं। कुछ स्थान डीएम ने शुक्रवार को दिन में अलाव के लिए चिन्हित कराये हैं। वहां पर भी आपूर्ति सुचारू की जा रही है। दिन और रात में करीब 20 कुंतल लकड़ी अलाव के लिए दी जा रही है। कचहरी में पांच स्थानों पर अलाव जल रहे हैं। इसके साथ ही सभी प्रमुख चौराहे और सार्वजनिक स्थानों पर अलाव नियमित रूप से जल रहे हैं।






