मुजफ्फरनगर। दक्षिणी रामपुरी के छह मृतकों के शवों को लाने के लिए परिजनों का सफर बेहद दुश्वारियों से भरा रहा। 27 अगस्त की रात आई खबर के बाद से परिजन सोये नहीं, 28 अगस्त की सुबह रामपुरी से दस लोगों का दल जम्मू कश्मीर के लिए अपनों की खैर खबर पाने को रवाना हो गया था। इस दल में मृतक रामबीरी के पति इन्द्रपाल और उनका भतीजा दीपक कुमार भी शामिल रहा। दीपक ने बताया कि मौहल्ले से दस लोग एक साथ निकले थे, 28 की सुबह वो एक्सप्रेस ट्रेन से जालंधर के लिए निकले। जालंधर उतरने के बाद सभी ने बस से आगे का सफर किया और जम्मू पहुंचे थे, लेकिन यह सफर बेहद मुश्किलों से भरा रहा। रास्ते में कई स्थानों पर घंटों तक रुकना पड़ा। जम्मूू से आगे पहुंचने के लिए कार की तलाश कर रहे थे, लेकिन पुलिस कर्मियों ने रास्ते बंद होने के कारण आगे नहीं जाने दिया। उनको जम्मू में पोस्टमार्टम हाउस पर ले जाया गया और वहीं से सभी छह मृतकों के शव पीएम हो जाने के बाद शुक्रवार की शाम चार बजे उनके सुपुर्द कर दिये गये। जम्मू पुलिस प्रशासन ने शाम पांच बजे चार एम्बुलेंस में छह शवों को भिजवाने का प्रबंध करके दिया था। कोई पैसा नहीं लिया गया। 13 घंटे का सफर पूरा कर सुबह करीब पौने छह बजे वो रामपुरी पहुंचे थे।

आवारा कुत्तों पर अधिकतर राज्यों ने नहीं दिए हलफनामे, मुख्य सचिवों को पेश होने का आदेश
नई दिल्ली – 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने जब इस मामले पर सुनवाई की थी, तब सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हलफनामे दाखिल करने के लिए कहा गया था। हालांकि, सिर्फ पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली महानगरपालिका ने ही इस आदेश का पालन किया। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आवारा कुत्तों के मामले स्वतः संज्ञान वाली याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तीन नवंबर को होने वाली सुनवाई में पेश होने का आदेश दिया। दरअसल, कोर्ट ने पाया कि आवारा कुत्तों की समस्या पर नोटिस जारी किए जाने के बावजूद अधिकतर राज्यों ने अब तक हलफनामे





