चीन के तियानजिन शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भारत ने बड़ी कूटनीतिक सफलता हासिल की। सोमवार को जारी साझा घोषणापत्र में पहली बार पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई। इस कदम से न केवल पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर कठघरे में खड़ा हुआ बल्कि चीन का रवैया भी बदला, जो अब तक इस मुद्दे पर सार्वजनिक मंचों पर चुप्पी साधे रहता था।
जून में हुई SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान जब पहलगाम हमले को संयुक्त बयान में शामिल नहीं किया गया था, तब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था। उसी सख्त रुख का असर अब शिखर सम्मेलन में दिखाई दिया, जहां सभी सदस्य देशों ने एक स्वर में आतंकवाद की निंदा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने संबोधन में आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश दिया। रविवार को चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान भी मोदी ने इस विषय को मजबूती से उठाया था।
SCO के साझा बयान में आतंकवाद विरोधी प्रतिबद्धता के अलावा आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था जैसे मुद्दों पर भी सहमति बनी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह भारत के लिए एक अहम कूटनीतिक उपलब्धि है, क्योंकि देश लगातार वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम और संरचनात्मक सुधार की वकालत करता रहा है।