मुजफ्फरनगर। श्रीलंका के मध्य प्रांत की राजधानी कैंडी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय किसान सम्मेलन में भारत की तरफ से किसानों की आवाज़ बुलंद हुई। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) का 10 सदस्यीय उच्चस्तरीय डेलिगेशन, राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के नेतृत्व में शुक्रवार की शाम श्रीलंका के कोलंबो पहुँचा था। यहां आयोजित इस सम्मेलन में 140 देशों के किसान संगठन भाग ले रहे हैं।
बताया गया कि इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन नयेलेनी मंच द्वारा किया जा रहा है। यह इसकी तीसरी बैठक है, इससे पहले 2007 और 2015 में भी वैश्विक सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं। सम्मेलन में अगले दस दिनों तक एक वृहद वैश्विक एजेंडे पर चर्चा की जाएगी, जिसके आधार पर किसानों के वैश्विक आंदोलन की नई रूपरेखा तय की जाएगी। नयेलेनी मंच द्वारा प्रस्तुत एजेंडे में पूंजीवाद, साम्राज्यवाद, उपनिवेशवाद, जातिवाद, पितृसत्ता, नस्लवाद, धार्मिक कट्टरता, लैंगिक भेदभाव और संसाधनों के अंधाधुंध दोहन जैसे मुद्दों पर चिंता जताई गई है। यह एजेंडा स्पष्ट करता है कि वर्तमान आर्थिक व्यवस्था लालच व दोहन पर आधारित होकर पृथ्वी, पर्यावरण, समुदायों व मानव स्वास्थ्य को गहरी क्षति पहुँचा रही है। सम्मेलन में इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर किसान, मजदूर और आम जनता को एकजुट होकर इन चुनौतियों का सामना करना होगा ताकि धरती, भोजन और जीवन सुरक्षित रह सके।
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शनिवार को कैंडी में आयोजित सम्मेलन के दौरान विभिन्न देशों के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों का एक यादगार स्वागत किया गया। सभी ने अपने देश के राष्ट्रीय ध्वज के साथ मंच पर उपस्थिति दर्ज कराई। यहां किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने देशों में कृषि से जुड़ी चुनौतियों, समस्याओं और उनके समाधान पर गहन चर्चा की। मंच पर सभी देशों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा करते हुए वैश्विक स्तर पर किसानों की एकजुटता का संदेश दिया। भाकियू डेलिगेशन में राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह, पुरकाजी नगर पंचायत चेयरमैन एवं प्रदेश महासचिव जहीर फारूकी, पश्चिम उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना, पश्चिमी उत्तर प्रदेश महासचिव अशोक घटायन, युवा एनसीआर अध्यक्ष मंटू चौधरी, अंशिता बालियान, धर्मवीर सिंह सहित वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हैं।