ऑपरेशन मुस्कान में मुजफ्फरनगर पुलिस की बड़ी सफलता, दिल्ली से बरामद कर परिजनों को सौंपा किशोर
मुजफ्फरनगर। तीन साल पहले बिछड़े बेटे को देखकर मां-बाप की उसके इंतजार में सूखी आंखें नम हो उठीं। पुलिस की अथक कोशिशें रंग लाई और जिस बेटे के मिलने की उम्मीद परिजन छोड़ चुके थे, उसे आॅपरेशन मुस्कान के तहत दिल्ली से सकुशल बरामद कर लिया गया। यह मिलन भावनाओं से भरा रहा, जिसने आसपास मौजूद हर किसी को गहराई तक छू लिया।
गुमशुदा बच्चों की बरामदगी पुलिस के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण मानी जाती है। लेकिन मुजफ्फरनगर पुलिस ने एक बार फिर साबित किया है कि जज्बे और सतत प्रयास से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। तीन वर्ष पूर्व लापता हुए किशोर तहजूब को थाना एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग (एएचटी) पुलिस की टीम ने दिल्ली से बरामद कर उसके परिजनों से मिलवाया।
थाना नई मंडी क्षेत्र के सुभाषनगर नसीरपुर रोड निवासी यूनुस पुत्र मकसूद ने तीन दिसम्बर को नई मंडी थाने में पुलिस को दी शिकायत के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका 15 वर्षीय बेटा तहजूब 17 नवंबर 2022 की शाम मखियाली भोपा रोड नर्सरी से अचानक लापता हो गया। मानसिक रूप से अस्वस्थ किशोर की तलाश में परिवार ने हर संभव कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। थक-हारकर परिजन भी उम्मीद छोड़ चुके थे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा के निर्देशन में चलाए जा रहे आॅपरेशन मुस्कान के तहत इस पुराने केस को फिर से खंगाला गया और इसको नई मंडी थाने से एएचटी थाना ट्रांसफर कर दिया गया। एसपी क्राइम इंदू सिद्धार्थ की देखरेख में प्रभारी निरीक्षक सर्वेश कुमार के नेतृत्व वाली पुलिस टीम ने सुरागों को जोड़ा और लगातार मेहनत की।
आखिरकार, 19 मार्च 2025 से शुरू हुई नई विवेचना रंग लाई। शुक्रवार को एएचटी थाना पुलिस टीम ने दिल्ली के रोहिणी स्थित आशा किरण होम सेंटर से तहजूब को सकुशल बरामद कर लिया। विधिक औपचारिकताओं के बाद किशोर को उसके परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों के लिए यह पल अविस्मरणीय था। जिस बेटे की तस्वीरें घर की दीवारों और अलमारी में याद के तौर पर रखी रह गई थीं, वह अचानक सामने खड़ा था। खुशी के इस पल ने पूरे परिवार को भावुक कर दिया। पुलिस टीम में निरीक्षक सर्वेश कुमार के ासथ उपनिरीक्षक छोटेलाल शर्मा, उपनिरीक्षक जगत सिंह और हेड कांस्टेबल अमरजीत सिंह भी शामिल रहे। एसएसपी संजय वर्मा ने पुलिस टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि आॅपरेशन मुस्कान वास्तव में खोए हुए लोगों को अपनों तक पहुंचाकर परिजनों के मायूस चेहरों पर मुस्कान लौटाने का काम कर रहा है।