बरेली: जुमे की नमाज़ के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद को लेकर शहर में तनाव फैल गया। तीन अलग-अलग स्थानों पर भीड़ और पुलिस आमने-सामने आ गई। स्थिति को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिससे भगदड़ मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे।
कैसे भड़का विवाद
मौलाना तौकीर रजा ने मुस्लिम समुदाय से इस्लामिया ग्राउंड पर इकट्ठा होकर प्रदर्शन करने की अपील की थी। नमाज़ के बाद बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और जबरन ग्राउंड में प्रवेश की कोशिश करने लगे। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो भीड़ भड़क उठी, धार्मिक नारेबाजी की गई और पथराव शुरू हो गया। यहां तक कि छतों से भी पत्थर फेंके गए।
पुलिस की कार्रवाई और मौजूदा स्थिति
बढ़ते हालात को देखते हुए पुलिस ने बल प्रयोग किया और लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। बारादरी और प्रेमनगर इलाके में भी उपद्रव की खबरें आईं। एहतियात के तौर पर शहर के बाजार बंद करा दिए गए। मौलाना तौकीर रजा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। तौकीर रजा, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के अध्यक्ष हैं और 2010 में हुए बरेली दंगे के मामले में भी आरोपित रह चुके हैं।
कानपुर से शुरू हुआ था विवाद
इस पूरे विवाद की शुरुआत उत्तर प्रदेश के कानपुर से हुई। ईद मिलाद-उन-नबी (बारावफात) के जुलूस में एक समूह ने “I Love Muhammad” लिखे बैनर और लाइटबोर्ड लगाए थे। स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया। बाद में पुलिस ने बैनर हटवाए और 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इसके साथ ही 15 अज्ञात लोगों पर भी FIR हुई।
धीरे-धीरे मामला अन्य जिलों और राज्यों तक फैल गया। कई जगह “I Love Muhammad” के समर्थन में रैलियां और पोस्टर देखने को मिले। इसके जवाब में हिंदू समुदाय की ओर से “I Love Mahadev” और “I Love Mahakaal” जैसे बैनर लगाए गए।