खतौली। कस्बे के बिजली घर पर तैनात निविदा कर्मी विकास कुमार पेट्रोल मैन एक बार फिर उपभोक्ताओं के आरोपों और अधिकारियों के निर्देशों की अवहेलना को लेकर चर्चा में है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि विकास कुमार लंबे समय से अवैध वसूली में लिप्त है और कार्य में लापरवाही भी बरत रहा है। शिकायतों की बढ़ती संख्या को देखते हुए संबंधित कंपनी उर्मिला इंटरनेशनल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड तथा बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कई बार उसके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश जारी कर चुके हैं, लेकिन इन आदेशों का अनुपालन अभी तक नहीं हुआ।
लगातार मिल रही शिकायतों के बाद 20 दिसंबर 2024 को मूलचंद ओम साई इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मूलचंद ने निविदा कर्मी विकास कुमार का खतौली टाउन बिजली घर से रतनपुरी स्थित बिजली उपकेंद्र पर स्थानांतरण कर दिया गया था। इसके बावजूद उसने आदेशों का पालन नहीं किया और खतौली बिजली घर में ही कार्य करता रहा। बताया जा रहा है कि उसके रवैये को लेकर कस्बेवासियों के साथ-साथ विभागीय अधिकारियों में भी नाराजगी है। इसी बीच 14 नवंबर 2025 को उर्मिला इंटरनेशनल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक ज्योति झा ने दोबारा स्थानांतरण आदेश जारी किए गए, जिनमें साफ लिखा गया कि 15 नवंबर 2025 से उसे रतनपुरा स्थित उपकेंद्र पर कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य है। इसके बावजूद निविदा कर्मी विकास कुमार अब तक खतौली में ही डटा हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि निविदा कर्मी द्वारा अधिकारियों के आदेशों की लगातार अवहेलना होना कई सवाल खड़े करता है। जहां एक ओर विभाग के एक्सईएन तक खतौली में बैठते हैं, वहीं दूसरी ओर एक निविदा कर्मी का आदेशों को नजरअंदाज करते हुए उसी स्थान पर बने रहना उपभोक्ताओं को अखर रहा है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, जेई ने भी विकास कुमार की कार्यशैली और लापरवाही को लेकर उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत भेजी है। वहीं, उपभोक्ताओं का कहना है कि अवैध वसूली और मनमानी से परेशान होकर उन्होंने राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल तक शिकायत पहुंचाई थी। इसके बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। उपभोक्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि स्थानांतरण के आदेशों का पालन नहीं किया गया और निविदा कर्मी को तुरंत रतनपुरी बिजली घर उपकेंद्र नहीं भेजा गया, तो वे धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
कस्बे में यह मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है और लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब बार-बार स्थानांतरण आदेश जारी किए जा रहे हैं, तो आखिर एक निविदा कर्मी कैसे बिना कार्रवाई के उसी पद पर बना हुआ है। अब देखने वाली बात यह होगी कि विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है।






