सुप्रीम कोर्ट में मिली जीत, तो रतन टाटा ने कह डाली दिल की बात
4 साल से ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड रहे टाटा संस के पक्ष में जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो टाटा कंपनी की ओर से रतन टाटा ने अपनी बात भी साझा की। उन्होंने इस फैसले को जीत और हार का मुद्दा न बताते हुए कहा कि यह ईमानदारी और नैतिकता की लड़ाई थी।;
नई दिल्ली। 4 साल से ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड रहे टाटा संस के पक्ष में जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो टाटा कंपनी की ओर से रतन टाटा ने अपनी बात भी साझा की। उन्होंने इस फैसले को जीत और हार का मुद्दा न बताते हुए कहा कि यह ईमानदारी और नैतिकता की लड़ाई थी।
आज सुप्रीम कोर्ट ने टाटा संस के पक्ष में फैसला सुनाया जिसके बाद रतन टाटा भावुक हो गए। कोर्ट के फैसले पर रतन टाटा ने ट्वीट किया और फैसले की सराहना की। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के साइरस मिस्त्री को कंपनी का दोबारा चेयरमैन नियुक्त करने के फैसले को पलट दिया है। एनसीएलटी ने 17 दिसंबर 2019 को फैसला सुनाया था कि टाटा संस के चेयरमैन पद पर मिस्त्री की दोबारा बहाल किया जाए जिसके खिलाफ टाटा संस ने याचिका दायर की थी। एनसीएलटी के उसी फैसले को आज सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया।
रतन टाटा ने ट्वीट कर लिखा कि यह जीत और हार की बात नहीं थी। मेरे ग्रुप की ईमानदारी और नैतिकता को लेकर लगातार हमले किए गए। यह फैसला इस बात को साबित करता है कि टाटा संस अपने सिद्धांतों और मूल्यों पर हमेशा अडिग रहा है। ट्वीट में रतन टाटा ने यह भी लिखा कि ये हमारी न्यायपालिका की निष्पक्षता और पारदर्शिता को प्रदर्शित करता है। एनसीएलटी ने सायरस मिस्त्री को टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटाने को गलत बताया था। एनसीएलएटी ने मिस्त्री को दोबारा चेयरमैन बनाने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ टाटा सन्स सुप्रीम कोर्ट गई। ये मामला बीते साल 2019 में 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट गया था।
— Ratan N. Tata (@RNTata2000) March 26, 2021
24 अक्टूबर 2016 को टाटा सन्स के चेयरमैन पद से सायरस मिस्त्री को हटा दिया गया। उन्होंने दिसंबर 2016 में कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में इसके खिलाफ याचिका दायर की। जुलाई 2018 में एनसीएलटी ने मिस्त्री की याचिका खारिज कर दी और टाटा सन्स के फैसले को सही बताया। इसके खिलाफ मिस्त्री एनसीएलएटी गए।दिसंबर 2019 में ने मिस्त्री को दोबारा टाटा सन्स का चेयरमैन बनाने का आदेश दिया। इसके खिलाफ टाटा सन्स ने जनवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
टाटा ग्रुप ने सायरस मिस्त्री को टाटा सन्स के चेयरमैन पद से 24 अक्टूबर 2016 को हटा दिया था। उनकी जगह रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया। टाटा सन्स का कहना था कि मिस्त्री के कामकाज का तरीका टाटा ग्रुप के काम करने के तरीके से मेल नहीं खा रहा। इसके बाद टाटा ग्रुप ने एन चंद्रशेखरन को टाटा सन्स का चेयरमैन बनाया गया। टाटा ग्रुप के 150 से अधिक सालों को इतिहास में साइरस मिस्त्री छठे चेयरमैन थे। दिसंबर 2012 को रतन टाटा ने टाटा सन्स के चेयरमैन पद से रिटायरमेंट लिया था जिसके बाद साइरस मिस्त्री चेयरमैन बनाया गए।