नई दिल्ली। पिछले कई दिनो से देश मे अग्निपथ का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियो ने रेलवे का करीब 1000 करोड का नुकसान किया है। इस विरोध प्रदर्शन मे सबसे ज्यादा निशाना रेलवे को बनाया जा रहा है। सोशल मिडिया पर भी ऐसे कई विडियो वायरल है। जहां पर प्रदर्शनकारियो द्वारा रेलकोच को आग के हवाले किया जा रहा है तो कही पर रेललाईन को ही उखाडते हुए प्रदर्शनकारी देखे जा सकते है। जिसमे रेलवे का करीब 1000 करोड का नुकसान हुआ है। जिसमे रेलवे की संपत्ति और यात्रियों के रिफंड को मिलाकर कुल एक हजार करोड़ से ज्यादा के नुकसान की आशंका है। यही नहीं, 12 लाख लोगों को यात्रा रद्द करनी पड़ी। 922 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द हुईं। 120 मेल ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द हुईं।
डेढ़ लाख यात्रियों को बीच रास्ते में ट्रेन छोड़नी पड़ी। 5 लाख से ज्यादा pnr रद्द हुए। करीब 70 करोड़ रुपए का यात्रियों को रिफंड दिया गया। पूर्व मध्य रेल जोन को 241 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ। जिस सार्वजनिक संपत्ति को प्रदर्शनकारियों द्वारा अंधाधुंध निशाना बनाया जा रहा है, उसमें करोड़ों करदाताओं की गाढ़ी कमाई लगी हुई है।
रेल मंत्रालय ने उदाहरण देते हुए बताया कि यदि एक यात्री का किराया कम से कम 600 रुपए मानें तो कुल 70 करोड़ रुपए का रिफंड लौटाया जा रहा है। AC 3, सेकंड AC और फर्स्ट AC के किराए को शामिल करें तो रिफंड 100 करोड़ रुपए का होगा 827 पैसेंजर ट्रेनें कैंसिल रहीं। 120 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें आंशिक रूप से कैंसिल रहींए जिससे करीब डेढ़ लाख यात्रियों को बीच में ही ट्रेन छोड़कर यात्रा रद्द करनी पड़ी। अगर एक ट्रेन की लागत की बात करे तो एक ट्रेन की लागत 30 करोड रूपये आती है। जिसमे रेल की इंजन की कीमत 12 करोड रूपये है। AC कोच ढाई करोड़, स्लीपर जनरल कोच 2 करोड़ रुपए का होता है। विरोधियो ने 21 जगह पर ट्रेन को आग के हवाले किया है।