कानपुर-कानपुर में दहेज के लिए बहू को मिट्टी का तेल डालकर जला देने वाली सास को अपर जिला जज 26 प्रमोद कुमार ने आठ साल कैद और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने से आठ हजार रुपये मृतका के उत्तराधिकारियों को मिलेंगे। मुकदमे की सुनवाई के दौरान पति और ससुर की मौत हो चुकी है। बर्रा के जरौली गांव निवासी जगदीश ने बेटी प्रियंका की शादी नौबस्ता के खाड़ेपुर गांव निवासी अरविंद उर्फ गोरे से वर्ष 2013 में की थी। प्रियंका की चार साल की बेटी गुंजन और ढाई साल की बेटी सुंदरी हैं। प्लॉट और रुपये के साथ ही दो बेटियां होने पर प्रियंका को ताना देते थे। 14 जुलाई 2018 को ससुरालीजनों ने प्रियंका को मिट्टी का तेल डालकर जला दिया। हैलट में इलाज के दौरान प्रियंका की मौत हो गई थी। प्रियंका के पिता ने ससुरालीजनों के खिलाफ नौबस्ता थाने में दहेज हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एडीजीसी भास्कर मिश्रा ने बताया कि पति अरविंद, सास विमला व ससुर बाबूराम के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट भेजी गई थी। ससुर बाबूराम की वर्ष 2020 में मौत हो गई थी। जेल में बंद रहने के दौरान वर्ष 2022 में पति अरविंद की भी मौत हो गई थी। सिर्फ विमला के खिलाफ ही मुकदमे की सुनवाई चली। अभियोजन की ओर से आठ गवाह कोर्ट में पेश किए गए। सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने सास विमला को दहेज हत्या का दोषी मानकर सजा सुनाई।