मुजफ्फरनगर । पर्यूषण पर्व पर शनिवार को व्रतियों ने उत्तम अकिंचन धर्म को आत्मसात करने का संकल्प लेते हुए तीर्थंकरों द्वारा किसी वस्तु से मोह नहीं करने के किसी भी इच्छा का त्याग करने के दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। दसलक्षण पर्व के सभी धर्मो को आगे भी जीवन में पालन करने की कामना की। मुनीम कालोनी के शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, नईमंडी के पंचायती जैन मंदिर चौडीगली, अतिशय क्षेत्र वहलना के प्रसिद्ध दिगम्बर जैन मंदिर समेत सभी प्रमुख जैन मंदिरों में पूजा अर्चना की गई।
दसलक्षण पर्व के नवें दिन सभी जैन जिनालयों में 24 तीर्थंकरों, पुराने शास्त्रों तथा जिनवाणी के सम्मुख व्रतियों द्वारा पूजा अर्चना कर श्रीजी का अभिषेक किया गया। 19 सितंबर रविवार को दसलक्षण पर्व के अंतिम दिन उत्तम ब्रहमचर्य धर्म का पालन करते हुए अनंत चतुर्दशी और 21 सितंबर को अपनी परंपरागत तिथि के अनुसार क्षमापर्व यानी क्षमावाणी पर्व/ पड़वा ढोक का पर्व मनाया जाएगा। दशलक्षण पर्यूषण महापर्व के अंतर्गत आने वाली भाद्रपद शुक्ल त्रयोदशी को दिगंबर जैन समाज में उत्तम अकिंचन धर्म का पालन कर पूजा अर्चना की जाती है। नईमंडी पंचायती जैन मंदिर चौडी गली के अध्यक्ष अमित जैन, वहलना जैन मंदिर के अध्यक्ष राजेश जैन, शांतिनात दिगम्बर जैन मंदिर मुनीम कालोनी के अध्यक्ष प्रमोद जैन आदि ने अपने मंदिरों में दसलक्षण पर्वपर विशेष पूजा अर्चना करने वाले व्रतियों के लिए विशेष व्यवस्था कराई। दिगंबर जैन धर्म में दसलक्षण पर्व का सबसे अधिक महत्व है और सभी दस धर्म का पालन ही जैन धर्म के तीर्थंकरों द्वारा दिए गए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। जैन समाज के हजारों पुरुष व महिलाएं हर वर्ष इस व्रत को करते हैं। इस अवसर पर वहलना के मंदिर में संजय जैन (पारस टीएमटी), राजीव जैन, रोहित जैन, सतीश जैन, आशीष जैन, निखिल गर्ग आदि पूजा अर्चना में उपस्थित रहे। शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में शाम के समय जैन धर्मपर आधारित नृत्य नाटिका और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। यहां दिगम्बर जैन मंदिर में अध्यक्ष प्रमोद जैन, महामंत्री विपिन जैन, कोषाध्यक्ष सचिन जैन, कार्यक्रम के मुख्य संयोजक सुनील जैन, पालिका सभासद प्रियांशु जैन आदि ने व्यवस्था बनाने में लगे रहे।