बेरोजागरी के विरोध में भीम आर्मी का प्रदर्शन

कलेक्ट्रेट में कार्यकर्ताओं ने कृषि बिलों को बताया किसान विरोध, रद्द करने की मांग

Update: 2020-09-24 10:11 GMT

मुजफ्फरनगर। भीम आर्मी भारत एकता मिशन के कार्यकर्ताओं ने गुरूवार को कलेक्ट्रेट में किसान, युवा, आरक्षण के साथ ही सरकारी क्षेत्रों के किये जा रहे निजीकरण के मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया।


भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष टीकम बौ( के नेतृत्व में डीएम कार्यालय पर पहुंचकर विभिन्न मुद्दों और समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भीम आर्मी नेताओं ने एडीएम प्रशासन अमित सिंह को सौंपा।

इसमें भीम आर्मी नेताओं ने कहा कि भारतीय संविधान द्वारा सभी को समान अधिकार दिये गये हैं। वंचित समुदाय के लोगों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है, लेकिन इस व्यवस्था के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी इन वर्गों के निर्धारित आरक्षण को आज तक पूरा नहीं किया गया है।


उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकारी पीएम मोदी के नेतृत्व में जातिवादी एवं पूंजीवादी व्यवस्था को देश पर थोप रही है, इससे देश के कमजोर वर्ग के लोग बर्बादी की कगार पर जा रहे हैं। भाजपा सरकार रेलवे सहित अन्य सरकारी क्षेत्रों का निजीकरण कर पंूजीपतियों के आगे नतमस्तक हो रही है। उन्होंने निजीकरण का विरोध करते हुए देश में बेरोजगारी को लेकर गुस्सा जाहिर किया।

भीम आर्मी ने राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में सरकारी क्षेत्रों के निजीकरण पर तत्काल रोक लगाने, निजी क्षेत्रों में एससी, एसटी, ओबीसी व माइनाॅरिटी समुदाय का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने, युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित करने, सफाई कर्मचारियों की अस्थाई नियुक्तियों को स्थाई करने और केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि बिलों को रद्द किये जाने की मांग की गयी है। ज्ञापन देने वालों में टीकम बौद्ध, सहराज त्यागी, आलोक दर्शन, शिव कुमार, रजत किठारिया, अभिनव पालीवाल, जयन्त, कपिल मलीरा, अजीम मलिक, हरेन्द्र कुमार आदि कार्यकर्ता शामिल रहे। 

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