मिक्सोपैथी के खिलाफ हड़ताल पर रहे चिकित्सक
बीएएमएस चिकित्सकों को सर्जरी की मंजूरी का किया विरोध, प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन, सवेरे से ही सूने पड़े रहे जिले के निजी अस्पताल और नर्सिंग होम, इमरजेंसी को छोड़कर चिकित्सकों ने नहीं किया काम;
मुजफ्फरनगर। केन्द्र सरकार द्वारा बीएएमएस चिकित्सकों को सर्जरी करने का अधिकार देते हुए चिकित्सा शिक्षा में मिक्स पैथी ;खिचड़ी प(तिद्ध को लागू किये जाने के विरोध में शुक्रवार को आॅल इंडिया इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्नान पर जनपद में निजी चिकित्सक हड़ताल पर रहे। इस दौरान कोविड-19 और इमरजेंसी सेवा को इस हड़ताल से अलग रखा गया। आईएमए की ओर से चिकित्सकों ने एक ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपा और आईएमए भवन पर एकत्र होकर सरकार के इस फैसला का कड़ा विरोध कर इसे वापस लेने की मांग की गयी। निजी चिकित्सकों की हड़ताल के कारण काफी मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ओपीडी और आईपीडी बंद होने के कारण निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में सूनापन नजर आया।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आईएमए मुजफ्फरनगर चैप्टर के बैनर तले जनपद के निजी चिकित्सकों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान आईएमए के अध्यक्ष डा. एमएल गर्ग, सचिव डा. अनुज माहेश्वरी हड़ताल के बाद सवेरे कलेक्ट्रेट पहुंचे और डीएम कार्यालय पर केन्द्र सरकार के फैसले के लिए सांकेतिक रूप से विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह को सौंपा। इसके उपरांत आईएमए के आह्नान पर जनपद के चिकित्सक सरकूलर रोड श्याम विहार स्थित आईएमए भवन पर एकत्र हुआ और आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने की केन्द्र सरकार की स्वीकृति का विरोध करते हुए इसे मार्डन चिकित्सा प(ति के विकास के लिए घातक बताया।
इस अवसर पर आईएमए के अध्यक्ष डा एमएल गर्ग ने कहा कि आठ दिसंबर को भी आल इंडिया इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के निर्देश पर सरकार के चिकित्सा शिक्षा में खिचड़ी तंत्र के विरोध में दो घंटे के लिए बारह बजे से दो बजे तक सांकेतिक आंदोलन किया गया था। इस दौरान सभी डाक्टर ने अपनी बांहों पर काली पट्टी बांधकर कार्य किया था। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि मिक्सोपैथी यानि एक प(ति के चिकित्सक को दूसरी प(ति के कार्यों की अनुमति देना चिकित्सा के स्तर और उसकी गुणवत्ता को कम करना है। सरकार ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी की परमिशन देकर उचित नहीं किया है। आईएमए हर विद्या को स्वतंत्र रूप से विकसित करने की पक्षधर है। आधुनिक चिकित्सा प्रणाली पूरी तरह से रिसर्च पर आधारित है और हर मर्ज का इलाज आधुनिक तरीके से किया जाता है। बेशक आयुर्वेद और होम्योपैथी अच्छी चिकित्सा प्रणाली है, लेकिन इमरजेंसी में एलोपैथिक दवाएं ही काम करती है। डा. एमएल गर्ग ने बताया कि देश में इलाज के लिए कोई नई दवा आनी हो या बीमारी को रोकने के लिए वैक्सीन तैयार करनी हो तो आधुनिक चिकित्सा के रिसर्च से ही संभव हो पाता है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि वह मेडिकल कालेज की संख्या बढ़ाएं, सीट बढ़ाएं और अधिक संख्या में प(ति के योग्य एवं प्रशिक्षित चिकित्सक तैयार करें।
चिकित्सकों की हड़ताल के कारण काफी मरीजों को आज परेशानी का सामना करना पड़ा। आईएमए के मीडिया इंचार्ज डा. सुनील सिंघल ने बताया कि चिकित्सकों ने इमरजेंसी और कोविड-19 सेवाओं को छोड़कर ओपीडी और आईपीडी सेवा बन्द रखी। चिकित्सकों की इस हड़ताल अस्पताल और नर्सिंग होम मरीजों की भीड़ से भरे रहते थे, आज वहां पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ नजर आ रहा था।
आईएमए की विचार गोष्ठी में आंदोलन की बनी रणनीति
मुजफ्फरनगर। आईएमए द्वारा मिक्सोपैथी के विरोध में केन्द्र सरकार के खिलाफ की गयी हड़ताल के दौरान चिकित्सक आईएमए हाॅल श्याम विहार पर एकत्र हुए। यहां एक विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ।
मीडिया इंचार्ज डा. सुनील सिंघल ने बताया कि विचार गोष्ठी की अध्यक्षता आईएमए अध्यक्ष डा. एमएल गर्ग ने की तथा संचालन कोषाध्यक्ष डा. ईश्वर चन्द्रा व सचिव डा. अनुज माहेश्वरी द्वारा किया गया। गोष्ठी में सरकार की मिक्सोपैथी को लेकर आईएमए की मांगों पर विचार किया गया और आगामी रणनीति पर चर्चा की गयी। डा. मुकेश जैन, डा. केडी सिंह, डा. डीपी सिंह, डा. अभिषेक गौड, डा. अभिषेक यादव, डा. अजय सिंघल, डा. गजराज वीर सिंह, डा. ललिता माहेश्वरी व डा. डीएस मलिक ने अपने विचार व्यक्त किये। सभी के द्वारा आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी के क्षेत्र में सभी प्रकार के आपरेशन किये जाने की अनुमति देने के केन्द्र सरकार के निर्णय का विरोध किया गया।
गोष्ठी में मुख्य रूप से डा. अनिल कक्कड, डा. अशोक शर्मा, डा. जीसीएस छाबडा, डा. सुनील सिंघल, डा. अनिल कुमार, डा. अजय पंवार, डा. एनबी नैथानी, डा. मनीष अग्रवाल, डा. यश अग्रवाल, डा. पीके काम्बोज, डा. पंकज जैन, डा. पे्रम सिंह, डा. राजेश मारवाह, डा. रजा फारूकी, डा. सैयद हसन, डा. तारा मोहन, डा. उबैद उर रहमान, डा. विकास कुमार, डा. विनोद कुशवाहा, डा. अनुभव जैन, डा. हेमंत शर्मा, डा. दीपक गर्ग, डा. केके गोयल, डा. मन्जु प्रवीण, डा. पंकज सिंह, डा. रेनू गोयल, डा. डीके शर्मा, डा. फैजल परवेज, डा. संजीव जैन, डा. रवि त्यागी, डा. रमेश माहेश्वरी, डा. विकास गर्ग, डा. सि(ार्थ गोयल, डा. विवेक अरोडा, डा. प्रवीन कुमार व डा. राजेश्वर सिंह आदि मौजूद रहे।