युवाओं को नहीं भाया 5 साल संविदा फार्मूला-कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन

Update: 2020-09-15 07:35 GMT

मुजफ्फरनगर। युवाओं ने आज बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इसमें युवाओं ने सरकारी नौकरियों में लाये जा रहे 5 साल संविदा के फार्मूले पर रोष जताते हुए इसे युवाओं के साथ धोखा बताते हुए सरकार से इस प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की है।


केन्द्र सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में लाये जा रहे संविंदा और विधनिमितीकरण 2020 प्रस्ताव एवं बेरोजगारी के मुद्दे पर युवाओं ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। यहां डीएम कार्यालय पर एकत्र हुए इन युवाओं ने केन्द्र सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में 5 साल की संविदा की व्यवस्था के प्रस्ताव का विरोध करते हुए नारेबाजी की। उन्होंने बेरोजगारी के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम एक ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को दिया। इन युवाओं ने कहा कि विगत दिनों समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ कि सरकार सरकारी नौकरियों पर नया प्रस्ताव ला रही है, जिसके तहत समूह ख, ग और घ की भर्तियों में शुरु के 5 साल तक सविदा पर नियुक्ति की जायेगी और 5 सालों तक मूल्यांकन करने के बाद ही सही पाये जाने वाले कर्मचारियों को नौकरियों में स्थायी किया जायेगा।

इस सम्बंध में छात्रों के बीच बहुत ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। 5 सालों तक संविदा पर रखकर मूल्यांकन करना बिल्कुल भी उचित कदम नहीं होगा। इससे कर्मचारियों को भ्रष्टाचार स्व.ं शोषण का सामना करने के साथ असुरक्षा की स्थिति बनी रहेगी। इन युवाओं में शामिल छात्र, प्रतियोगियों ने केन्द्र सरकार से इस प्रस्ताव को वापस लेने के साथ ही सरकारी नौकरियों में मौजूदा व्यवस्था के तहत ही नई भर्ती करने की मांग की है। युवाओं ने कहा कि वर्तमान में कोरोना काल में बड़े पैमाने पर युवाओं को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है। ऐसे में युवाओं के सामने रोजगार का बड़ा संकट है, इसको दूर करने के लिए सरकारों को त्वरित व्यवस्था के तहत काम करना चाहिए। 

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