कोविड नियमों के सख्ती से पालन की शर्त पर मिलेगी रामलीला आदि आयोजित करने की अनुमति
लखनऊ । नवरात्र, दशहरा व रामलीला का कोई भी आयोजन बिना अनुमति के नहीं होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्य सचिव आरके तिवारी द्वारा इस बाबत जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि त्योहार के दौरान कोई भी सामूहिक गतिविधियां कतिपय प्रतिबंधों के अधीन होंगी। इसके तहत किसी भी बंद स्थान, हॉल या कमरे में होने वाले आयोजन को हाल की निर्धारित क्षमता का 50 प्रतिशत लेकिन अधिकतम 200 व्यक्तियों तक को फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर व हैंडवाश की उपलब्धता की अनिवार्यता के साथ ही इजाजत दी जाएगी। खुले स्थान या मैदान पर ऐसे स्थानों के क्षेत्रफल के अनुसार आयोजन की अनमुति दी जाएगी। प्रत्येक आयोजन स्थल पर सार्वजनिक रूप से कोविड-19 नियमों के प्रचार-प्रसार के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग अनिवार्य होगा। दुर्गा पूजा के लिए मूर्तियों की स्थापना पारंपरिक परंतु खाली स्थान पर की जाएगी और उनका आकार छोटा रखा जाएगा। मैदान की क्षमता से अधिक लोग नहीं रहेंगे। चौराहों या सड़क पर कोई मूर्ति या ताजिया रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिला प्रशासन आयोजन समितियों से विचार-विमर्श कर कोविड-19 के प्रोटोकॉल के अनुसार कार्रवाई करेगा। मूर्तियों के विसर्जन के लिए कम से कम लोग रहेंगे और छोटे वाहनों का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए के लिए रूट प्लान पहले तैयार किया जाएगा कार्यक्रम स्थल पर आगंतुकों के लिए प्रवेश एवं निकास के लिए अलग-अलग एक से अधिक रास्ते बनाए जाएंगे। कोरोना लक्षण वाले लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा । कार्यक्रम स्थलों पर कोविड-19 से बचने के उपायों से संबंधित पोस्टर-बैनर लगाए जाएंगे और यथासंभव आडियो-विजुअल प्रचार-प्रसार किया जाएगा। कार्यक्रम स्थल पर एसी लगाए जाने पर तापमान 24-30 डिग्री तथा ह्यूमिडिटी की रेंज 40-70 डिग्री के बीच रखना अनिवार्य होगा। कंटेनमेंट जोन में किसी भी सार्वजनिक आयोजन की अनुमति नहीं होगी।