मुरादाबाद । नगर संत के नाम से मशहूर चामुंडा मंदिर के मंहत और गंगा प्रदूषण समिति के संरक्षक संत रामदास की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत को लेकर हिंदू संगठनों में रोष है। सूत्रों के अनुसार गलशहीद थाना क्षेत्र के असालतपुरा बड़ा अहाता के पास स्थित वाल्मीकि मंदिर के बरामदे में महंत का शव फर्श पर पड़ा मिला। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। परिजनों ने उनकी हत्या की आशंका जताई है। मामले की जानकारी मिलने पर हिंदू संगठनों के लोगों ने जमकर हंगामा किया। बताया गया है कि वाल्मीकि मंदिर में नवरात्रि के पहले दिन जब श्रद्धालु पूजा अर्चना को पहुंचे तो बरामदे में फर्श पर संत रामदास का शव पड़ा था ।
अजय पाल सिंह कोतवाली प्रभारी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सूचना पर असालतपुर चौकी प्रभारी प्रदीप कुमार के साथ पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची। पुलिस के अनुसार उनके शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं मिले। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। मौके पर जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। ऐसी कोई चोट भी नहीं मिले जिससे हत्या की आशंका को बम मिलता हो। फिलहाल बिसरा सुरक्षित तक जांच के लिए भेजा जा रहा है। बिसरा रिपोर्ट से ही मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा। पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया।