कोविड-19 : चार निजी अस्पतालों में रेफर किये गए सभी 48 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत, डीएम ने दिए कार्रवाई के आदेश
यह खबर आपको विचलित कर सकती है। कोरोना वायरस संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई में सरकार फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है इसके बावजूद निजी अस्पताल मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं। मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जुड़ा हुआ है यहां मरीजों के इलाज में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। शहर के चार प्राइवेट अस्पतालों में रेफर हुए 48 मरीजों में सभी की मौत हो गई है। 48 मरीजों की मौत के बाद हरकत में आये प्रशासन ने चारों अस्पतालों को नोटिस दिया है। इस संबंध में डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि, अस्पताल प्रबंधन को एडीएम ट्रांस गोमती और सीएमओ को जवाब देना है। डीएम ने बताया दोषी चारों निजी अस्पतालों को बुधवार शाम तक की समय सीमा जवाब देने के लिए दी गई है। डीएम ने बताया जवाब मिलने के बाद परीक्षण कराकर तब आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि अपोलो अस्पताल, मेयो अस्पताल, चरक अस्पताल और चंदन अस्पताल को प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार अपोलो हास्पिटल में गैर कोविड अस्पताल से 17 कोरोना मरीज भेजे गए थे, इन सभी की मृत्यु हो गई। वही मेयो में 10 कोरोना वायरस रोगी रेफर किए गए थे। चरक में 10 कोरोना संक्रमित और चंदन अस्पताल में 11 मरीज गैर कोविड अस्पतालों से भेजे गए थे।
रेफर किए गए समस्त 48 मरीजों की मृत्यु हो गई। उपरोक्त सभी 4 प्राइवेट अस्पताल कोविड और गैर कोविड अस्पताल हैं। अर्थात अस्पताल की एक ही छत के नीचे एक हिस्से में कोरोना वायरस संक्रमित जबकि दूसरे हिस्से में सामान्य मरीजों को रख कर उनका इलाज किया जाता है। डीएम ने बताया एक हिस्से से दूसरे हिस्से में मरीज को स्थानांतरित करने में देरी पता चली है, प्रथम दृष्टया इन सभी मौतों में अस्पतालों की लापरवाही प्रतीत हो रही है। कहा, जो प्रमुख कारण अभी तक पता चले हैं, उनमें मरीज का कोविड टेस्ट देरी से कराना, टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद भी समय से मरीज को उपचार के लिए कोविड-19 अस्पताल नहीं भेजना है। कोविड दिशा निर्देश के अनुसार अस्पताल में ट्राइड यानी होल्डिंग एरिया का न होना अथवा मानकों के अनुरूप कार्य न होना शामिल है। जिलाधिकारी ने कहा लापरवाही बरतने वाली निजी अस्पतालों के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई भी होगी।