बुजुर्ग से मारपीट का फर्जी वीडियो वायरल करने वालों में 10 बड़े नाम सामने आए

मेद पहलवान को अच्छी तरह पता था कि सभी आरोपी पीड़ित के जानकारी हैं और यह मारपीट विवाद के चलते हुई है। पीड़ित बुजुर्ग जब उनसे मदद मांगने गए तो उमेद ने इसे भुनाने का प्रयास किया और पीड़ित को अपने प्रयास किया और पीड़ित को अपने प्रभाव में लेकर अपनी बात उनके मुंह से कहलवाई।

Update: 2021-06-18 08:59 GMT

गाजियाबाद। विगत दिवस लोनी में बुजुर्ग के साथ मारपीट के मामलों को सांप्रदायिक रंग देने वालों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। पुलिस की साइबर टीम की जांच में करीब दस बड़े नाम सामने आए हैं। पुलिस इन सभी नामों की भूमिका की जांच के बाद इन्हें मुकदमे की विवेचना में शामिल करेगी।

पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉ. ईरज राजा ने बताया कि वीडियो वायरल करने वालों की लंबी लिस्ट है, लेकिन अभी इनमें से किसी के नाम मुकदमे में शामिल नहीं किए गए हैं, लेकिन पुलिस ऐसे सभी लोगों की भूमिका की पड़ताल जरूर कर रही है। अब जो नए नाम सामने आए हैं, वह भूमिका के मुताबिक इन्हीं मुकदमों की विवेचना के दौरान बढ़ा लिए जाएंगे। अधिकारियों के मुताबिक, उमेद पहलवान को अच्छी तरह पता था कि सभी आरोपी पीड़ित के जानकारी हैं और यह मारपीट विवाद के चलते हुई है। पीड़ित बुजुर्ग जब उनसे मदद मांगने गए तो उमेद ने इसे भुनाने का प्रयास किया और पीड़ित को अपने प्रयास किया और पीड़ित को अपने प्रभाव में लेकर अपनी बात उनके मुंह से कहलवाई। हालांकि, इस वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर आवाज गायब कर दी गई थी। इसका उद्देश्य धार्मिक नारे और दाढ़ी काटने के मुद्दे को लेकर माहौल को गर्म करना था। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉ. ईरज राजा ने कहा कि हमने ट्विटर इंडिया के हेड मनीष माहेश्वरी को जांच में सहयोग करने के लिए उपस्थित होने के बारे में गुरुवार को एक मेल किया है। उनसे एक सप्ताह के भीतर मेल के माध्यम से कई और जान​कारियां मांगी गई हैं। मुझे उम्मीद है कि वह जांच में सहयोग करेंगे। बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता के मामले में लगभग 99 प्रतिशत गिरफ्तारी कर ली गई हैं। 

Similar News