82 हजार संपत्ति पंजीकृत, पालिका 33 हजार से ही वसूल पाई टैक्स

टैक्स वसूली में पिछड़ने पर ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने कर निर्धारण अधिकारी को नोटिस किया जारी, तीन बिन्दुओं पर मांगा जवाब;

Update: 2025-03-08 03:30 GMT

मुजफ्फरनगर। लक्ष्य से अधिक राजस्व वसूली कर उत्तर प्रदेश शासन की प्रशंसा बटोरने के साथ ही नगरोदय जैसी योजना में विशेष बजट पाने वाली नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर इस साल राजस्व वसूली में लक्ष्य को हासिल करने में भी हाफती नजर आ रही है। जबकि इस बार लक्ष्य से 25 प्रतिशत से भी ज्यादा वसूली करने का एक सपना संजोया गया था, ताकि शहरी विकास के लिए शासन से इस बार भी अतिरिक्त बजट हासिल किया जा सके। इसको लेकर गंभीर हुई अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह ने अब पालिका में पंजीकृत सम्पत्तियों में 50 प्रतिशत सम्पत्तियों से भी वार्षिक कर के रूप में राजस्व वसूली नहीं हो पाने पर कड़ी नाराजगी के साथ कर निर्धारण अधिकारी को नोटिस जारी करते हुए उनसे तीन बिन्दुओं पर दो दिन के भीतर ही स्पष्टीकरण तलब किया है।

मौजूदा वित्तीय वर्ष 2024-25 को समाप्त होने में चंद दिन ही शेष रह गये हैं। ऐसे में वार्षिक कर और अन्य मदों में राजस्व वसूली को लेकर पालिका के कर विभाग की चाल सुस्त बनी नजर आ रही है। गत दिवस अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह के द्वारा की गई राजस्व वसूली की समीक्षा में पालिका के पिछड़ने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कर निर्धारण अधिकारी दिनेश यादव और एई जल सुनील कुमार को पत्र जारी करते हुए राजस्व वसूली के लिए वार्डों में कैंप लगाने और प्रतिदिन विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये गये थे। इसी समीक्षा में सामने आया है कि नगरपालिका के कर विभाग में पंजीकृत सम्पत्तियों से वार्षिक कर वसूलने में भी विभाग इस साल बहुत पीछे खड़ा नजर आ रहा है। इसके लिए ईओ ने कर निर्धारण अधिकारी को नोटिस जारी करते हुए पिछड़ने को लेकर कई सवालों का जवाब मांगा है।

ईओ ने अपने नोटिस में कहा है कि पालिका द्वारा कर एवं करेत्तर राजस्व वसूली की समीक्षा में यह तथ्य उनके संज्ञान में आया है कि शहरी क्षेत्र में पंजीकृत 82449 भवनों के सापेक्ष 33605 भवनों से ही गृहकर और जलकर के रूप में तय राजस्व की वसूली की गई है, जो पंजीकृत भवनों के सापेक्ष 50 प्रतिशत भी नहीं है। जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 समाप्ति में मात्र कुछ दिनों का समय ही अवशेष है। उन्होंने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्थिति अत्यन्त ही खेदजनक है। शासन/ प्रशासन स्तर से लगातार शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर राजस्व वसूली में बढ़ौतरी के कड़े निर्देश प्रदान किये जा रहे हैं परन्तु कर विभाग द्वारा इस प्रकार की राजस्व वसूली के आंकडे परिलक्षित होने से स्पष्ट है कि विभागाध्यक्ष होने के दायित्व के लिए आपके स्तर से इस सम्बन्ध में कोई कार्यवाही अमल में नही लाई जा रही है। ईओ ने दो दिवस के भीतर कर निर्धारण अधिकारी से इसके लिए तीन बिन्दुओं अभी तक पंजीकृत भवनों से शत प्रतिशत या उसके समीप वसूल न होने का विलम्ब क्या है, इसके लिए कौन अधिकारी और कर्मचारी जिम्मेदार हैं, कम समय रहने पर अवशेष करीब 50 हजार भवनों से वार्षिक कर वसूलने के लिए क्या कार्य योजना बनाई गई और उसके क्रियान्वन कब तक कैसे करने की योजना है, पर साक्ष्यों सहित लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। ईओ ने चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समयावधि में स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं दिया गया तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही किये जाने के लिए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी जायेगी।

इस सम्बंध में ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि राजस्व वसूली की समीक्षा में यह बात सामने आई है कि 82449 पंजीकृत भवनों के सापेक्ष चार मार्च तक 33605 भवनों से ही वार्षिक कर वसूल किया गया है। करीब 50 हजार भवनों से अभी कर वसूली ही नहीं हो पाई है। ऐसे में बकाया वसूली पर भी ज्यादा काम नहीं हो पायेगा। इसके लिए कर निर्धारण अधिकारी को नोटिस जारी करते हुए उनसे इस लापरवाही के लिए जवाब मांगा गया है। इस स्थिति से चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप को भी अवगत करा दिया गया है। पिछले साल पालिका ने निर्धारित लक्ष्य से 25 प्रतिशत ज्यादा राजस्व वसूल किया था और पालिका को अतिरिक्त बजट शासन से मिला। इस बार भी हमारे प्रयास थे कि लक्ष्य से 25 प्रतिशत से ज्यादा राजस्व वसूली हो पाये, लेकिन यह स्थिति बेहद खराब है। 

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