गांव जौला में आधी रात लगी भयंकर आग, दस लाख का नुकसान

कबाड़ी के घेर में लगी आग में भैंस और लवारे की जलकर हुई मौत, घर तक फैलने से पहले ही आग पर पाया काबू

Update: 2024-11-12 09:58 GMT

मुजफ्फरनगर। बीती रात बुढ़ाना क्षेत्र के चर्चित गांव जौला में एक कबाड़ी के यहां पर भयंकर आग लग जाने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई। फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया, लेकिन तक आग की चपेट में आने के कारण एक भैंस और उसका लवारा जलकर मर गये तथा लाखों रुपये का कबाड़ जलकर राख में बदल गया। गनीमत रही कि आग घेर में बनाये गये मकान तक नहीं पहुंची वरना और ज्यादा नुकसान हो सकता था। आग लगने के कारण सामने नहीं आ पाये हैं, इसके लिए जांच की जा रही है। पीड़ित का दावा है कि इस अग्निकांड में उसको करीब दस लाख रुपये का नुकसान हुआ है। अग्निशमन विभाग ने जांच भी प्रारम्भ कर दी है।

मिली जानकारी के अनुसार बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र के गंाव जौला निवासी तालिब हसन पुत्र महबूब गांव में ही प्लास्टिक और पॉलीथिन आदि कबाड़ खरीदने का काम करता है। तालिब ने अपनी भूमि पर एक बड़ा घेर और घेर पर ही दो मंजिला मकान रहने के लिए बनाया हुआ है। घेर में अलग से छप्पर डालकर तालिब पशुपालन भी करता है। घेर में ही तालिब द्वारा प्लास्टिक और पॉलथिन आदि कबाड़ एकत्र किया हुआ था। बीती रात किसी समय अचानक ही इस कबाड़ में आग लग गई। प्लास्टिक और पॉलीथिन होने के कारण आग तेजी से फैल गई। आग की लपटों और धुएं को देखकर आसपास के लोगों और तालिब व उसके परिजनों की आंख खुली तो तब तक आग फैलने लगी थी। इसकी सूचना पुलिस और फायर बिग्रेड को दी गई। पुलिस और फायर कर्मी मौके पर पहुंचे। इससे पहले ही परिजनों और ग्रामीणों ने आग पर काबू पाने के लिए अपने अपने स्तर से प्रयास प्रारम्भ कर दिये थे।

बुढ़ाना फायर स्टेशन प्रभारी अंतराम सिंह ने कर्मियों के साथ मिलकर आग बुझाने का काम शुरू किया। थोड़ी देर में मशक्कत के बाद आग बुझा दी गई, लेकिन तब तक आग के कारण घेर में भण्डार किया गया कबाड़ पूरी तरह से जलकर राख हो गया था। इसके साथ ही आग ने पशुओं के छप्पर को भी अपनी चपेट में ले लिया था। इसमें तालिब की एक भैंस और उसका लवारा भी जलकर मर गये। आग इतनी भयावह थी कि लपटें काफी ऊंची उठ रही थी। आसपास के ग्रामीणों में भी दशहत फैल गई थी। बुढ़ाना फायर स्टेशन इंचार्ज अंतराम सिंह ने बताया कि करीब एक बजे आग लगने की सूचना मिली थी। वो एक पम्प और एक फायर टैण्डर लेकर गांव जौला में मौके पर पहुंचे। आग जहां लगी थी वो एक घेर था और उसी में दूसरी साइड रिहायशी मकान बना हुआ था। तालिब कबाड़ी का कार्य करता है। उसने अपने घेर में पशुओं को पालने के साथ ही बड़ी मात्रा में प्लास्टिक और पॉलीथिन का कबाड़ एकत्र कर रखा था। उन्होंने बताया कि कबाड़ में आग कैसे लगी इसका पता नहीं चला। आग के कारण और नुकसान को परखने के लिए जांच की जा रही है। घर तक नहीं पहुंची थी आग ये गनीमत रही। आग पर जल्द ही काबू पा लिया गया था। पीड़ित तालिब ने बताया कि आग कैसे लगी पता नहीं चल पाया है। इस आग में करीब दस लाख रुपये का नुकसान होने की बात कही गई है। 

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