कांवड़ का पैसा नहीं देने पर कंपनी में हड़ताल

नगरपालिका के साथ काम कर रही एमआईटूसी कंपनी का कर्मचारियों ने किया घेराव, कामबंद हड़ताल से नहीं हुई सफाई

Update: 2024-11-11 10:20 GMT

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् से रोजाना करीब तीन लाख रुपये से ज्यादा का भुगतान सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्राप्त करने वाली दिल्ली की कंपनी एमआईटूसी सिक्योरिटी एण्ड फैसिलिटी प्रा. लि. अपने ही कर्मचारियों के साथ धोखाधड़ी का खेल कर रही है, जिससे आक्रोशित कंपनी के सफाई कर्मचारियों ने सोमवार से कामबंद हड़ताल कर दी। कर्मचारी वाहनों को लेकर वार्डों में कूड़ा कलेक्शन के लिए नहीं निकले और कंपनी के मुख्य कार्यालय में पहुंचकर कंपनी के अधिकारियों का घेराव करते हुए प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का आरोप है कि उनसे कांवड़ में काम कराया गया, लेकिन आज तक भी उसका तय भुगतान उनको नहीं किया गया है। कंपनी अनुबंध के अनुसार वेतन भी समय से नहीं दे रही है। पैसा मिलने के बाद ही कर्मचारियों ने काम शुरू करने की बात कही है।


नगरपालिका परिषद् के साथ शहर के वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन और कूड़ा डलावघर घरों से कूड़े का प्रतिदिन निस्तारण करने के लिए एमआईटूसी कंपनी द्वारा करार किया गया है। कंपनी शहर को तीन जोन में बांटकर कार्य कर रही है। इसके लिए करीब 350 कर्मचारी प्राइमरी और सेकेंड्री कूड़ा कलेक्शन के लिए लगाये गये हैं। सोमवार को कंपनी के साथ काम कर रहे सैंकड़ों कर्मचारियों ने वाहन खड़े करते हुए कामबंद हड़ताल कर दी और भोपा रोड स्थित ग्रांड प्लाजा मॉल में बनाये गये कंपनी के मुख्य कार्यालय जाकर परियोजना प्रबंधक पुष्पराज सिंह व अन्य अधिकारियों का घेराव करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। कंपनी के साथ काम कर रहे सफाई कर्मचारी मुकुल कुमार और उनके साथ प्रदर्शन में शामिल रहे कर्मचारी जितेन्द्र, अश्वनी, नरेश कुमार, आशीष, बलराम, चरण दास, देवेन्द्र, अंकुर राणा, शंकर विरेश और अमित कुमार आदि ने बताया कि कंपनी के द्वारा कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ पर सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कुछ कर्मचारियों को लगाया था। इसके लिए अतिरिक्त भुगतान दिये जाने का वादा किया गया था। कर्मचारियों ने 24 घंटे कांवड़ यात्रा में ड्यूटी की, लेकिन आज तक भी कंपनी द्वारा उसका भुगतान कर्मचारियों को नहीं किया गया है। इसके अलावा कंपनी द्वारा पीएफ और ईएसआई का पैसा भी नहीं दिया जा रहा है। साथ ही वेतन भी तय समयावधि में उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जबकि कर्मचारी निरंतर समय से कार्य कर रहे हैं। कर्मचारियों ने कहा कि जब तक कांवड़ ड्यूटी का पैसा नहीं दिया जाता काम शुरू नहीं किया जायेगा। सभी कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे।


कंपनी के परियोजना प्रबंधक पुष्पराज सिंह ने कहा कि 40 कर्मचारियों को कांवड़ यात्रा में अतिरिक्त कार्य पर लगाया गया था। इसके लिए कंपनी को कर्मचारियों के 24 घंटे कार्य करने की रिपोर्ट भेज दी गई, जोकि गलत है, एक कर्मचारी 24 घंटे काम नहीं कर सकता है। इस पर दोबारा कंपनी को रिपोर्ट भेजी गई है और 40 कर्मचारियों के लिए 12-12 घंटे की अतिरिक्त ड्यूटी के लिए भुगतान की मांग की है। जल्द ही उनको भुगतान उपलब्ध करा दिया जायेगा। कंपनी ने सितम्बर माह की सैलरी सभी कर्मचारियों को दे दी है। अक्टूबर का वेतन ही लम्बित है। 15 तारीख तक वो भी देने का आश्वासन दिया है, कर्मचारियों को काम पर वापस लाने के लिए मनाया जा रहा है। हड़ताल के कारण वार्डों में कूड़ा कलेक्शन नहीं हो पाया। डलाव घरों से कूड़ा उठवाया जा रहा है। कंपनी के कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर पालिका की अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह का कहना है कि वेतन या अन्य लम्बित देय का भुगतान करना कंपनी का आंतरिक मसला है, लेकिन कंपनी अनुबंध के अनुसार कर्मचारियों को मासिक वेतन का भुगतान प्रत्येक माह की सात तारीख तक करेगी, यह व्यवस्था नहीं हो पा रही है। यदि हड़ताल के कारण शहर की सफाई व्यवस्था ठप्प होती है तो कंपनी को जिम्मेदार माना जायेगा और कार्यवाही की जायेगी। पालिका स्तर से कांवड़ में कंपनी के कर्मचारियों की कोई ड्यूटी नहीं लगाई गई है, यदि कंपनी ने कार्य कराया है तो उनका निर्धारित भुगतान कराया जाना चाहिए। इस सम्बंध में वो विभागीय स्तर पर रिपोर्ट तलब करेंगी। 

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