सिलईबड़ा में पुलिस व लोगों में विवाद, लाठीचार्ज कर खदेड़े, चंद्रशेखर आजाद संभल में नजरबंद, एसडीएम निलम्बित, छह सिपाहियों समेत 25 पर मुकदमा
रामपुर। सिलईबड़ा गांव में छात्र की फायरिंग में मौत होने के बाद लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। बुधवार को प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिसकर्मी गांव में तैनात कर दिए हैं। सुबह से ही डीएम और एसपी मौके पर डटे हुए हैं। तहसीलदार और एसडीएम के खिलाफ केस दर्ज करने को लेकर प्रशासन और लोगों के बीच बहस हो गई। इसके बाद पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। पीड़ितों से मिलने रामपुर आ रहे भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने संभल में नजरबंद कर दिया है। इससे कार्यकर्ता और लोग गुस्से में हैं। उधर, मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह के निर्देश पर एसडीएम मिलक अमन देओल को निलंबित कर दिया गया है। मंगलवार की शाम को सरकारी जमीन पर आंबेडकर पार्क का बोर्ड लगाए जाने पर दो पक्ष आमने-सामने आ गए थे। इस जानकारी पर पहुंचे एसडीएम और तहसीलदार ने बोर्ड हटवाने की कोशिश की तो एक पक्ष ने उन की गाड़ियों पर पथराव कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच पथराव और फायरिंग शुरू हो गई। इस दौरान गोली लगने से 17 वर्षीय सुमेश की मौत हो गई। सुमेश ने सुबह ही दसवीं की परीक्षा दी थी। दोनों पक्षों के बीच उत्तेजना इस हद तक थी कि पुलिस पहुंचने के बाद भी पथराव और फायरिंग करते रहे। कुछ लोगों ने सीओ की गाड़ी पर भी पत्थर फेंके, जिससे गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। हालात काबू करने के लिए एसपी राजेश द्विवेदी कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। छात्र की मौत से उस पक्ष के ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया। उन्होंने पुलिस की गोली से मौत का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। एसपी ने आरोप निराधार बताया, जिसके बाद छात्र का शव रखकर एक पक्ष के लोग धरने पर बैठ गए। उन्होंने डीएम को मौके पर बुलाने की मांग शुरू कर दी। डीएम के जिले से बाहर होने की जानकारी देने पर आक्रोशित लोग शांत नहीं हुए। हालात देख मुरादाबाद से कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह और डीआईजी मुनिराज जी मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने बताया कि फायरिंग व पथराव में घिरकर गांव के अमित और रमन घायल हो गए। उन्हें उपचार दिलाया जा रहा है। रामपुर के सिलईबड़ा गांव में फायरिंग में छात्र की मौत के बाद जमकर बवाल हुआ। लोगों ने रातभर धरना देते हुए पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मामले में लापरवाही मानते हुए बुधवार को चार सिपाहियों, एसडीएम और तहसीलदार के दो हमराह समेत 25 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। नाराज लोगों का कहना है कि एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ भी नामजद एफआईआर होनी चाहिए।