डाॅ. कफील खान के खिलाफ यूपी सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कफील खान पर लगाए गए एनएसए को रद्द कर दिया था और पुलिस के खिलाफ सख्त टिप्पणी की थी। आज सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की टिप्पणी को हटाने की मांग भी खारिज कर दी।

Update: 2020-12-17 08:09 GMT

नई दिल्ली। यूपी सरकार द्वारा डाॅ. कफील खान के संबंध में हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने आज याचिका खारिज कर दिया।

अपने फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कफील खान पर लगाए गए एनएसए को रद्द कर दिया था और पुलिस के खिलाफ सख्त टिप्पणी की थी। आज सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की टिप्पणी को हटाने की मांग भी खारिज कर दी। नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में डाॅ कफील खान को गिरफ्तार किया गया था। 1 सितंबर 2020 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खान पर लगाए गए एनएसए को गलत बताते हुए हटाते हुए तुरंत रिहाई के आदेश दिए थे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की पीठ ने कफील को तत्काल रिहा करने के आदेश दिये थे। पिछले साल अगस्त में कफील खान को गिरफ्तार किया गया था। कफील पर अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था। डाॅ कफील अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल काॅलेज में कथित रूप से आॅक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में मरीज बच्चों की मौत के मामले से चर्चा में आये थे। डाॅक्टर खान को पिछले साल दिसम्बर में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सीएए के विरोध में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें मथुरा जेल भेजा गया था। फरवरी में उन्हें अदालत से जमानत मिल गयी थी, मगर जेल से रिहा होने से ऐन पहले 13 फरवरी को उन पर रासुका के तहत कार्यवाही कर दी गयी थी, जिसके बाद से वह 1 सितंबर तक जेल में रहे।

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