गंगा एक्सप्रेस वे- 2057 करोड़ 76 लाख स्वीकृत, मात्र 5 घंटे में पहुंच सकेंगे मेरठ से प्रयागराज

Update: 2024-02-05 09:39 GMT

मेरठ। गंगा एक्सप्रेसवे, पूरा होने और इस्तेमाल के लिए खुलने के बाद, भारत का तीसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन जाएगा। इसके इस वर्ष के आखिर तक पूरा होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्याथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा आम बजट आज विधानसभा में पेश किया। इस बजट का आकार 7.36 लाख करोड़ से ज्यादा का है। इस बजट से महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेस वे के लिए 2057 करोड़ 76 लाख रुपये मिले हैं। यह एक्सप्रेस वे मेरठ से प्रयागराज की दूरी को कम करने में कामयाब होगा। मात्र पांच घंटे में आप मेरठ से प्रयागराज का सफर कर सकेंगे। चार चरणों में एक्सप्रेसवे पर काम चल रहा है। मेरठ और हापुड़ सीमा में एक्सप्रेसवे के भूमि समतलीकरण, अंडरपास, पुल निर्माण और मिट्टी डालकर बनाई जा रही सड़क आकार लेती जा रही है। इसी प्रकार अन्य हिस्सों में भी तेजी से काम चल रहा है। उप्र सरकार ने बजट में गंगा एक्सप्रेसवे को प्राथमिकता पर लिया है, जिससे उम्मीद जग गई है कि 2024 तक पश्चिमी उप्र के विकास को पंख लगने वाले हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे बना रहे डेवलपर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को दिसंबर तक निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है, ताकि इसे चालू किया जा सके। पहले चरण में 594 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे पूर्वी यूपी में मेरठ और पश्चिमी यूपी में प्रयागराज को जोड़ेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2019 में कुंभ मेले के दौरान गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण की घोषणा की थी। अब वह चाहते हैं कि यह एक्सप्रेसवे आगामी महाकुंभ से पहले चालू हो, जो अगले साल 14 जनवरी से शुरू हो रहा है। यूपीईआईडीए को 31 दिसंबर तक गंगा एक्सप्रेसवे को चालू करने के लिए समय पर काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है। पूरा होने और यातायात के लिए खुलने के बाद, यह एक्सप्रेसवे राज्य का सबसे लंबा छह-लेन वाला एक्सप्रेसवे बन जाएगा। यह दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय को भी काफी कम कर देगा। एक्सप्रेसवे की डिजाइन स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी जबकि यात्रा की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। अनुमान है कि मेरठ और प्रयागराज के बीच की यात्रा का समय लगभग पांच घंटे तक कम हो जाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे लंबाई के मामले में भारत का तीसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनने वाला है। अभी जो सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन रहा है वो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे है, जो 1,350 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा है। दूसरा सबसे लंबा मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे है जो 700 किलोमीटर से थोड़ा ज्यादा लंबा है। फिलहाल भारत के टाप 10 एक्सप्रेसवे में से चार उत्तर प्रदेश में हैं। गंगा एक्सप्रेसवे इस सूची में पांचवां होगा। पहुंच- यह एक्सप्रेसवे 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा। मेरठ-बुलंदशहर हाईवे पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में एनएच 19 पर जुदापुर दादू गांव के पास खत्म होगा। विमान पट्टी- आपात स्थिति में बड़े विमानों को उतारने के लिए शाहजहांपुर में 3.50 किलोमीटर लंबा हवाई पट्टी बनाया जाएगा।

नदी पार करने वाले पुल- गंगा और रामगंगा नदियों पर दो बड़े पुलों का निर्माण किया जाएगा।

अन्य एक्सप्रेसवे से जुड़ाव- गंगा एक्सप्रेसवे का एक अनूठा पहलू यह है कि यह लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बलिया लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए राज्य के अन्य एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा।

आर्थिक प्रभाव- पूरा होने पर, उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे का कुल नेटवर्क 1,900 किलोमीटर हो जाएगा और इससे औद्योगिक, कृषि विकास को रफ्तार मिलेगी और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित होगा।

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