पूर्व विधायक शाहनवाज प्रकरण में जेल वार्डर सस्पेंड

जिला कारागार में बंद पूर्व विधायक के पास बरामद हुआ था मोबाइल फोन, जेल अधीक्षक की रिपोर्ट पर हुई कार्यवाही;

Update: 2025-04-06 10:03 GMT

मुजफ्फरनगर। जीएसटी टीम की लीडर महिला अफसर के साथ राणा स्टील फैक्ट्री पर छापामार कार्यवाही के दौरान अभद्रता के आरोप में गिरफ्तार पूर्व विधायक शाहनवाज राणा की मुश्किल बढ़ रही हैं। उनको जिला कारागार से चित्रकूट धाम जनपद की कारागार में स्थानांतरित करने के दूसरे दिन अब उनको मोबाइल फोन उपलब्ध कराये जाने के प्रकरण में हुई जांच के तहत दोषी पाये जाने पर जेल कर्मियों पर भी कार्यवाही की गई है। इसमें जेल वार्डर को सस्पेंड कर दिया गया है और चार बंदी रक्षकों के खिलाफ भी कार्यवाही की संस्तुति की गई है।

पांच दिसम्बर को वहलना चौक पर स्थित राणा स्टील फैक्ट्री पर जीएसटी मेरठ की अधिकारी श्रेया गुप्ता के नेतृत्व में छापामार कार्यवाही की गई थी। इस दौरान अधिकारी से अभद्रता करने के मामले में दर्ज कराये गये मुकदमे में पुलिस ने पूर्व विधायक शाहनवाज राणा को भी गिरफ्तार किया था। इसमें उनको जमानत मिल गई थी, लेकिन जीएसटी चोरी के एक अन्य प्रकरण में वो कारागार में ही बंद चल रहे हैं। पिछले दिनों उनके पास से जेल में ही मोबाइल फोन बरामद किया गया था। इसके बाद उनके खिलाफ जेलर ने मुकदमा दर्ज कराया था और जांच प्रारम्भ कर दी गई थी।

जिला कारागार से पूर्व विधायक शाहनवाज राणा से मिले मोबाइल के मामले में जांच के बाद वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने एक हेड वार्डर को सस्पेंड कर दिया है, जबकि चार बंदीरक्षकों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इस कार्रवाई से जेल के अन्य कर्मियों में भी हड़कंप मच गया है। सुत्रों के द्वारा बताया गया कि यह कार्रवाई जेल अधीक्षक की प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है। जीएसटी चोरी के मामले में पूर्व विधायक शाहनवाज राणा अब मुजफ्फरनगर जिला कारागार से चित्रकूट जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। कुछ दिन पूर्व चैकिंग के दौरान पृथक वास बैरक से पूर्व विधायक शाहनवाज राणा से मोबाइल बरामद हुआ था। मोबाइल बरामदगी के बारे में पूछताछ करने पर जेलर राजेश कुमार सिंह से अभद्र भाषा का प्रयोग का भी आरोप है। इस संबंध में नई मंडी कोतवाली में पूर्व विधायक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस मामले में सुरक्षा में चूक होने पर बैरक के बाहर व जेल गेट नंबर दो पर ड्यूटी कर रहे जेल कर्मियों को नोटिस दिया गया था। जिन्होंने अपने जवाब जेल अधीक्षक को दे दिए थे। इसके बाद जेल अधीक्षक द्वारा प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट सहारनपुर मंडल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक को प्रेषित की गई थी। बताया गया है कि इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ जेल अधीक्षक के निर्देशों के तहत जेल के हेड वार्डर रामरूप को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं चार बंदी रक्षकों के खिलाफ ड्यूटी के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में दोष साबित होने पर अनुशासनिक कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इस कार्रवाई जेल कर्मियों पर हड़कम्प मचा हुआ है। कहा जा रहा है कि इस प्रकरण में अभी शासन स्तर से भी गंभीर कार्यवाही हो सकती है।

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