MUZAFFARNAGAR-जानलेवा होती गर्मी से जिले में आपदा अलर्ट

जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने हीट वेव को लेकर चेताया, तेज गर्मी में कक्षाओं का संचालन न करने की सलाह, श्रमिकों से दोपहर में न लिया जाये काम, बासी भोजन से बचें, खूब पानी पियें;

Update: 2025-04-07 10:49 GMT

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में झुलसाने वाली गर्मी पड़नी शुरू हो गई है। पश्चिमी यूपी और दिल्ली से सटे कई जिले लू की चपेट में हैं। मुजफ्फरनगर जनपद में भी लू का प्रभाव काफी नजर आ रहा है। अगले दो दिनों तक फिलहाल तीखी धूप और गर्मी से कोई राहत नहीं मिलने वाली। इस बीच रात के पारे में भी बढ़ोतरी आएगी। रविवार को प्रदेश के 10 जिलों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया। मुजफ्फरनगर में भी पारा 37 डिग्री से पार हो रहा है। रात भी गरम होने लगी है। मंगलवार को भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लू के थपेड़े चलने की चेतावनी जारी हुई है। 8 अप्रैल से एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है जिसके असर से पुरवाई हवाएं चलेंगी और राहत मिलने की संभावना है, लेकिन कई दिनों से पड़ रही गर्मी को देखते हुए अब आपदा विभाग ने भी जिले में अलर्ट कर दिया है। इसमें दोपहरी के समय घरों से नहीं निकलने और कक्षाओं का संचालन भी बंद रखने की सलाह दी गई है।

रविवार के बाद आज सोमवार को गर्मी से लोग बेचैन रहे। चिलचिलाती धूप और गर्म हवा ने लोगों को घर से बाहर निकलने से रोके रखा। दोपहरी को अब शहर की सड़कों पर भी भीड़ गायब नजर आ रही है। रात में भी गर्मी का असर बना हुआ है। अगले दो दिन तक गर्मी यूं ही बरकरार रहेगी। मौसम में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा। राहत की बड़ी उम्मीद भी नहीं है। अगले दो दिन में अधिकतम तापमान पर पारे के 40 डिग्री के आसपास तक पहुंचने के आसार बनने से गर्मी की मार झेलनी पड़ेगी। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, उसी तरह लू का प्रकोप भी शुरू हो गया है। हीट वेव से होने वाली संभावित जनहानि एवं होने वाले अग्निकाण्ड के मद्देनजर एक बार फिर जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की ओर से स्पष्ट किया गया है कि हीट वेव जानलेवा है, इससे बचाव नहीं किया गया तो जान भी जा सकती है। इसके लिये कहा गया है कि दोपहर का समय सबसे ज्यादा नुकसानदायक है। ऐसी स्थिति में किसी भी निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों को दोपहर के समय कार्य न करने की हिदायत दी गयी है। आम जनता से कहा गया है कि दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच खुली धूप में न निकलें। यथासंभव घर की निचली मंजिल पर रहें। तंग कपडे न पहनें। बासी एवं संक्रमित भोजन का प्रयोग न करें। अधिक से अधिक पेयजल का प्रयोग किया जाये। स्कूलों को भी निर्देशित किया गया है कि दोपहर की तेज गर्मी के समय कक्षाओं का संचालन न हो। बच्चों की हीट वेव से सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखा जाये।

यह जानकारी देते हुये अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार ने बताया कि गर्मी में लापरवाही जानलेवा हो सकती है। ऐसी स्थिति में जो एडवाइजरी जारी की गयी है, उसका अनुपालन किया जाये तो हीट स्ट्रोक से बचा जा सकता है। एडीएम वित्त गजेन्द्र कुमार ने कहा कि हीट वेव की स्थिति शरीर के कार्यप्रणाली पर प्रभाव डालती है, जिससे मृत्यु भी हो सकती है। इसके प्रभाव को कम करने के लिये निम्न तथ्यों पर ध्यान देना चाहिये। उन्होनें बताया कि बचाव के लिये अधिक से अधिक पानी का सेवन किया जाये। हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले सूती वस्त्र पहने। धूप के चश्मे, छाता, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें। उन्होनें बताया कि यह समय हीट वेव से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है, ऐसी स्थिति में सावधानियां बरती जाये। सभी स्कूल, कालेजों व सरकारी कार्यालयों को पहले ही प्राथमिक चिकित्सा किट की उपलब्धता के लिये कहा जा चुका है। यदि किसी संस्थान में किट उपलब्ध नहीं मिलती है तो विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय की जायेगी।

जिला अस्पताल में दस बैड का कोल्ड रूम तैयारः सीएमओ

मुजफ्फरनगर। हीट वेव पर जिले में स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है और जिले के सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था बनाने के साथ ही चिकित्सकों व स्टाफ को भी अलर्ट कर दिया गया। अस्पतालों में कोल्ड रूम बनाए जा रहे हैं। ओआरएस काउंटर भी बनाए जाएंगे। इसे लेकर शासन से निर्देश जारी हुए हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, इस बार पिछले वर्ष से अधिक तापमान बढ़ने की आशंका है। ऐसे में अस्पतालों में पुख्ता इलाज के इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। सभी अस्पतालों में कोल्ड रूम में बनाए जा रहे हैं, जहां हीट वेव से प्रभावित लोगों का इलाज किया जाएगा।

सीएमओ डॉ. सुनील तेवतिया ने बताया कि हीट स्ट्रोक के मामलों में पीड़ित को उपचार देने के लिए अस्पतालों में कोल्ड रूम बनाये गये हैं। जिला चिकित्सालय में दस बेड और सभी सीएचसी पर चार बैड का कोल्ड रूम बनाया जा चुका है। यहां पर आवश्यकतानुसार आइस पैक, कूलर और एसी का प्रबंध करने के साथ ही इमरजेंसी दवाईयों की पूर्ति की जा चुकी है। इसके साथ ही ओआरएस और जिंक सेंटर बनाये गये हैं। ताकि प्रभावित लोगों को उनके घर के नजदीक केंद्र पर समुचित इलाज मिल सके। इसके साथ ही अन्य व्यवस्था भी कराई जा रही हैं। उन्होंने भी लोगों से गर्मी से बचने के लिए सतर्क रहने की अपील की है। 

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