RAMLEELA-राजा राम चन्द्र का हुआ राजतिलक, अयोध्या में मनी दिवाली

श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति पटेलनगर में धर्म आधारित नृत्य नाटिकाओं के साथ हुआ रामलीला मंचन का समापन

Update: 2024-10-14 10:24 GMT

मुजफ्फरनगर। श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति पटेलनगर द्वारा आयोजित 49वें रामलीला महोत्सव के अंतिम दिन रविवार की रात्रि में राजा राम चन्द्र के राज तिलक की लीला का भावपूर्ण और रोमांचकारी मंचन कलाकारों ने प्रस्तुत किया तो अयोध्या का हर घर खुशियों के दीयों से प्रकाशमय नजर आया। अयोध्या में राजा राम चन्द्र के दरबार में प्रसन्न्ता और सम्पन्नता का आगमन हुआ। चहुंओर हर्ष और उल्लास के बीच अनेक नृत्य नाटिकाओं के सहारे कलाकारों ने धर्म की विजय को सुन्दर ढंग से प्रस्तुत कर दर्शकों में रोमांच बनाये रखा। इसी के साथ इस साल के रामलीला मंचन कार्यक्रम का समापन हुआ।

श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति पटेलनगर में रामलीला मंचन के अंतिम दिन की लीला का शुभारंभ भगवान गणेश और श्री रामायण जी की आरती से हुआ। मुख्य अतिथि उद्यमी रघुराज गर्ग और संजीव अग्रवाल द्वारा दीप प्रज्जवलित किया गया। मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन की अगुवाई में कमेटी पदाधिकारियों ने अतिथियों का स्वागत, सत्कार और सम्मान किया। भगवान श्री राम के भव्य राजतिलक समारोह के साथ इस वर्ष की रामलीला का समापन हुआ। राम के वनवास की समाप्ति और लंका विजय के बाद अयोघ्या वापसी के दृश्य ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। अयोघ्या नगरी के लोगों द्वारा राम, सीता, और लक्ष्मण का स्वागत, और फिर राजा राम का राजतिलक अत्यंत श्र(ा और उत्साह के साथ प्रस्तुत किया गया। इस पूरे समारोह में श्री राजा राम का राज्याभिषेक एक मुख्य आकर्षण रहा जहां राम को घर्म और मर्यादा के प्रतीक के रूप में अयोघ्या के राजा के रूप में सिंहासन पर स्थापित किया गया। दर्शकों की तालियों और श्री राम की जय के जयकारों के बीच राजा राम के राज्याभिषेक का कलाकारों ने अपनी कला प्रतिभा के सहार जीवंत रूप प्रदान किया। राज तिलक के बाद कलाकों ने विभिन्न नृत्य नाटिकाओं का सुन्दर और भावपूर्ण मंचन करते हुए सभी को धर्म की विजय का प्रेरक संदेश दिया। इसमें श्री कृष्ण को प्राप्त करने क लिए रानी रुक्मणी और रानी सत्यभामा के बीच नारद जी के साथ के प्रसंग ने खूब प्रशंसा बटोरी। भद्रकाली का रौद्र रूप और मां शैरावाली द्वारा महिषासुर के अंत के प्रसंग की लीला प्रभावशाली रही। श्री कृष्ण और सुदामा के मिलन की नृत्य नाटिका ने सभी को भाव विभोर कर दिया। रामलीला के समापन पर पारितोषिक वितरण किया गया। इस दौरान लीला मंचन करने वाले कलाकारों, सहयोगियों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।


मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन ने इस अवसर पर कहा कि रामायण हमारी संस्कृति और घर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो सदियों से हमारे जीवन को मार्गदर्शन और प्रेरणा प्रदान करता आ रहा है। इसी महान घार्मिक महाकाव्य पर आघारित रामलीला का मंचन हर वर्ष बड़े घूमघाम से किया जाता है। इस वर्ष भी यह मंचन कलाकारों द्वारा नए उत्साह और जोश के साथ प्रस्तुत किया, जिसने सभी दर्शकों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम संयोजक विकल्प जैन ने सफल मंचन के लिए सभी को बधाई दी और दर्शकों का भी आभार जताते हुए कहा कि यह सौभाग्य का विषय है कि हम अगले वर्ष श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति के रामलीला मंचन की गोल्डन जुबली मनाने जा रहे हैं और 50वें रामलीला महोत्सव को आप सभी के सहयोग से और भी भव्य और सुन्दर बनाने का प्रयास किया जायेगा। रामलीला के अनुष्ठान आचार्य पंडित बृजेन्द्र मिश्रा और रामायण वाचक मास्टर रामपाल को भी सम्मानित किया गया।

इस दौरान श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति के मुख्य प्रबंघक अनिल ऐरन, कार्यक्रम संयोजक सभासद विकल्प जैन, अघ्यक्ष गोपाल चौघरी, महामंत्री सुरेंद्र मंगल, मंत्री जितेंद्र कुच्छल, उपाघ्यक्ष प्रमोद गुप्ता, मुख्य निर्देशक पंकज शर्मा, निर्देशक अमित शर्मा, गोविंद शर्मा, नारायण ऐरन व जितेन्द्र नामदेव के अलावा ज्योति ऐरन, मीना ऐरन, जितेंद्र नामदेव, विनय गुप्ता टिंकू, पीयूष शर्मा, राकेश मित्तल, अंशुल गुप्ता, विपुल मोहन, अज्जू जैन, आकाश गोयल, गौरव मित्तल, प्रदीप बॉबी, अमर चौधरी, दीपक लाला, भगवती, जितेन्द्र उपाध्याय, मिन्टू गिरी, यश चौधरी, भूरा डांसर, दीपक डांसर, यश चौधरी और सोनू सिंह सहित सभी कलाकार और सहयोगी मौजूद रहे।

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