जाति सूचक शब्द लिखने पर चालानी कार्रवाई में फंसे कई

पहला चालान लखनऊ की नाका पुलिस ने किया। जिस कार का चालान हुआ उस पर ‘सक्सेनाजी’ लिखा हुआ था। पुलिस के मुताबिक यह कार कानपुर के आशीष सक्सेना की है।

Update: 2020-12-28 06:41 GMT

लखनऊ। जातिसूचक शब्द वाहनों पर लिखने के मामले में पहला चालान लखनऊ की नाका पुलिस ने किया। जिस कार का चालान हुआ उस पर 'सक्सेनाजी' लिखा हुआ था। पुलिस के मुताबिक यह कार कानपुर के आशीष सक्सेना की है। यह कार्रवाई जातिसूचक शब्दों के वाहनों पर इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश के तहत की गयी है। नाका कोतवाली में तैनात दरोगा दीपक कुमार दुर्गापुरी मेट्रो स्टेशन के पास चेकिंग कर रहे थे। इसी समय वहां से गुजर रही एक कार को रोका। जांच में पता चला कि कानपुर निवासी आशीष सक्सेना की है। उनकी कार के पिछले शीशे पर 'सक्सेनाजी' लिखा था। इस पर पुलिस ने कार का चालान एमवी एक्ट की धारा-177 के तहत काट दिया।

बरेली में पहली ठाकुर लिखी गाड़ी का हुआ चालान, अब गाड़ियों पर जातिसूचक शब्द लिखवाने वालों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। बरेली ट्रैफिक पुलिस अब गाड़ियों पर जातिसूचक शब्द लिखवाने पर भी चालान करेगी। हाल ही में प्रदेश सरकार की ओर से निर्देश जारी होने के बाद यह अभियान शुरू हुआ रविवार को ट्रैफिक पुलिस ने एक ऐसी कार का चालान किया जिसके पिछले शीशे पर स्टाइलिश ढंग से 'ठाकुर साहब' लिखा हुआ था। कार पर 'ठाकुर साहब' लिखवाने को एमवी एक्ट का उल्लंघन माना गया और चालान कर दिया गया। 

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