जन्नत और जहन्नुम के नाम पर इस्लाम स्वीकारने के लिए प्रेरित करता था मौलाना कलीम

मौलाना का लिंक मुफ्ती काजी और उमर गौतम से मिला है। वहीं विदेशों से भी उसके तार जुड़ रहे हैं। बता दें कि धर्मांतरण के मामले में मुफ्ती काजी और उमर गौतम की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है। दोनों से ही कलीम सिद्दीकी के लिंक मिले हैं।

Update: 2021-09-22 09:46 GMT

लखनऊ। धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार उत्तर प्रदेश एटीएस ने मुजफ्फरनगर निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है। मौलाना मदरसों की आड़ में पैगामे इंसानियत के संदेश देने के बहाने लोगों को जन्नत और जहन्नुम जैसी बातों का लालच या भय दिखाकर इस्लाम स्वीकारने के लिए प्रेरित करता है और बाद में इन्हें प्रशिक्षित कर अन्य लोगों का धर्मांतरण कराने का कार्य करता है। मौलाना पर अनगिनत धर्मांतरण के आरोप हैं। एटीएस की टीम लंबे समय से उस पर नजर बनाए हुए थी। मंगलवार देर रात एटीएस की टीम ने मेरठ से एक कार्यक्रम से लौटते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया। एटीएस ने मौलाना व उसके तीन साथियों से रात भर पूछताछ की जिसके बाद आज दोपहर को एटीएस ने इस मामले में बड़े खुलासे किए हैं। 

एजेंसी की जांच में सामने आया है कि मौलाना का लिंक मुफ्ती काजी और उमर गौतम से मिला है। वहीं विदेशों से भी उसके तार जुड़ रहे हैं। बता दें कि धर्मांतरण के मामले में मुफ्ती काजी और उमर गौतम की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है। दोनों से ही कलीम सिद्दीकी के लिंक मिले हैं। एटीएस की पूछताछ में सामने आया कि मौलाना के बैंक खातों में विदेशों से करोड़ों रुपये की फंडिंग हुई है।  यूपी एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने प्रेस वार्ता के दौरान धर्मांतरण मामले में बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि एटीएस की जांच में सामने आया है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट को बहरीन से 1.5 करोड़ रुपये सहित विदेशी फंडिंग के जरिए 3 करोड़ रुपये मिले। इस मामले की जांच के लिए एटीएस की छह टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें पूरी छानबीन करेंगी। 

मुजफ्फरनगर के खतौली क्षेत्र के फूलत निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी ग्लोबल पीस सेंटर का अध्यक्ष है और जमीयत-ए-वलीउल्लाह ट्रस्ट का भी अध्यक्ष है। जांच में खुलासा हुआ कि वह कई मदरसों को फंडिंग भी करता है जिसके लिए उसे विदेशों से भारी धनराशि हवाला के जरिए भेजी जाती है। यूपीएटीएस के अनुसार, मुजफ्फरनगर निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी दिल्ली में रहता है और विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं की आड़ में अवैध धर्मांतरण के कार्य को अंजाम देता है जिसके लिए विदेशों से फंडिंग की जाती है। यूपीएटीएस के अनुसार मौलाना कलीम सिद्दीकी गैर मुस्लिमों को गुमराह और भयाक्रांत कर उन्हें धर्मांतरित करता है और फिर उन्हें भी इस कार्य में लगाता है। मंगलवार शाम सात बजे साथी अन्य मौलानाओं के साथ मेरठ के लिसाड़ीगेट में हूमायुंनगर की मस्जिद माशाउल्लाह के इमाम शारिक के आवास पर एक कार्यक्रम में आया था। यहां से लौटते हुए उसे एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया।

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