कीर्ति भूषण को पालिका ने भेजा नोटिस, मांगा 29.22 लाख का बकाया

टाउनहाल परिसर में आवंटित क्वार्टर की लड़ाई में पालिका ने की कार्यवाही, 15 दिन में बकाया जमा कराकर आवास खाली करने के निर्देश

Update: 2024-12-16 10:56 GMT

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में स्टेनो ग्राफर पद से करीब 21 साल पूर्व रिटायर्ड होने वाले कीर्ति भूषण पर पालिका प्रशासन ने अवैध रूप से आवास कब्जाने का आरोप लगाते हुए 29.22 लाख रुपये बकाया किराया राशि का भुगतान करते हुए आवास खाली करने के लिए नोटिस जारी कर दिया है। कीर्ति भूषण ने पालिका पर पेंशन और अन्य देयकों का भुगतान नहीं दिए जाने के कारण हाईकोर्ट में केस दायर किया, जिसमें अदालत ने प्रमुख सचिव और निदेशक को तलब कर लिया था। अब पालिका ने जांच के बाद कीर्ति भूषण से आवास खाली कराने के लिए कमर कस ली है। इसके लिए उनको 15 दिन का समय दिया गया है।

कीर्ति भूषण नगरपालिका परिषद् में लिपिक रहे हैं, वो साल 2003 में सितम्बर माह में पद से रिटायर्ड हुए। इसके बाद से ही वो लगातार पालिका पर यह आरोप लगाते रहे हैं कि उनकी पेंशन और अन्य देयकों का भुगतान पालिका के द्वारा नहीं किया गया है। जबकि पालिका प्रशासन उन पर टाउनहाल में पालिका के क्वार्टर पर अवैध कब्जा करने के आरोप लगाती रही है। ऐसे में कीर्ति भूषण ने पालिका से अपने देयकों और पेंशन राशि का भुगतान पाने के लिए 2018 में सिविल मिसलेनियश रिट पेटिशन संख्या 9022 दायर की। इसमें 10 जुलाई 2018 को कोर्ट ने नगरीय निकाय निदेशक को यह आदेश दिया कि वो कीर्ति भूषण को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ ही उनकी पेंशन और अन्य देयकों का भुगतान करें, तभी से यह मामला विचाराधीन चल रहा है। पालिका ने अपने जवाब में कोर्ट को बताया कि रिटायरमेंट के बाद भी कीर्ति पालिका के आवास पर अवैध रूप से काबिज हैं, जिस कारण उनका उपादान और पंेशन भुगतन रोका गया है, इस पर शपथ पत्र के साथ कीर्ति भूषण ने कोर्ट में जवाब दिया कि पालिका ने उनको आवास आजीवन स्थाई रूप से आवंटित किया है। इसी को लेकर कोर्ट ने पिछले दिनों इस मामले में प्रमुख सचिव नगर विकास और निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय लखनऊ को तलब किया था।

इस प्रकरण में प्रमुख सचिव ने पालिका ईओ को निर्देश दिये हैं कि वो पालिका आवास से कीर्ति भूषण का अवैध कब्जा तत्काल हटवाते हुए उन पर बने बकाया किराया की वसूली की जाये। इसी को लेकर ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने 7 दिसम्बर 2024 को कर निर्धारिण अधिकारी दिनेश कुमार यादव को जांच सौंपी थी। उन्होंने 13 दिसम्बर को अपनी जांच आख्या ईओ को सौंप दी, जिसमें कीर्ति भूषण के आवास पर कब्जे का अवैध मानते हुए उनसे बकाया किराया राशि की वसूली करने की संस्तुति की गई। इस पर ईओ ने कर निर्धारण अधिकारी को कार्यवाही करते हुए आवास तत्काल प्रभाव से खाली कराये जाने के निर्देश दिये हैं। कर निर्धारण अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि सोमवार को कीर्ति भूषण को नोटिस जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कीर्ति भूषण ने जो कोर्ट में जवाब दिया है, उसके अनुसार 12 जून 1976 को उनको तत्काली अध्यक्ष ने ईओ को आवास परमानेंट आवंटन करने के लिए निर्देशित किया, जिस पर 14 जून 1976 को ईओ द्वारा उनको पड़ाव भूमि पर पालिका के क्वार्टर संख्या 11 उनको स्थाई रूप से आवंटित कर दिया गया। इसके लिए 26 फरवरी 1977 की बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव संख्या 256 पारित किया गया, जिसमें वेतन के दस प्रतिशत किराये पर यह क्वार्टर उनको दिया गया।

दिनेश कुमार के अनुसार इससे साफ है कि यह क्वार्टर वेतन मिलते रहने यानि सेवाकाल के लिए आवंटित किया गया। इसके बाद कीर्ति भूषण ने 16 नवम्बर 1992 को अध्यक्ष से आदेश कराते हुए पड़ाव के बजाये पालिका केम्पस में स्थित क्वार्टर नम्बर 3 को 75 रुपये प्रतिमाह किराया दर पर आवंटित करा लिया और तभी वो इस पर काबिज बने हुए है। जबकि वो सितम्बर 2003 में सेवानिवृत्त हो गये। इसके बाद 4 फरवरी 2013 को तत्कालीन ईओ मसूद अहमद ने उनको आवंटन निरस्त करते हुए खाली करने का नोटिस दिया गया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई और इसके बाद कीर्ति भूषण होईकोर्ट चले गये। उन्होंने बताया कि 2003 से 2024 दिसम्बर तक कीर्ति भूषण पर किराया तय किया गया है। यह 4621488 रुपये बैठ रहा है। इसमें उनका उपादान और पेंशन राशि 1698500 रुपये पालिका पर बकाया है। यह राशि बकाया किराया से काटते हुए कीर्ति भूषण पर किराये के रूप में 2922988 रुपये बकाया है, जिसकी वसूली के लिए उनको 15 दिन का समय देते हुए नोटिस भेजा जा चुका है। वसूली के साथ ही उनको आवास से अवैध कब्जा तत्काल छोड़ने के लिए कहा गया है। 

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