वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर तय होंगी नई पंचायतें
। ग्राम पंचायत क्षेत्र का गठन जनगणना वर्ष 2011 के प्रकाशित आकडों के आधार पर होगा। किसी ग्राम पंचायत के पंचायत क्षेत्र के निर्धारण के लिए किसी राजस्व ग्राम या मजरे को विभाजित नहीं किया जायेगा।
लखनऊ। प्रदेश में चुनाव से पूर्व बडी संख्या में नई ग्राम पंचायतें अतित्व में आ सकती हैं।
इसके लिए ग्राम पंचायत के क्षेत्र में परिवर्तन का प्रस्ताव सम्बन्धित ग्राम पंचायत अथवा उस ग्राम पंचायत के 50 या उससे अधिक निवासियों की ओर से मिले प्रस्तावों पर ही विचार होगा। ग्राम पंचायत क्षेत्र का गठन जनगणना वर्ष 2011 के प्रकाशित आकडों के आधार पर होगा। किसी ग्राम पंचायत के पंचायत क्षेत्र के निर्धारण के लिए किसी राजस्व ग्राम या मजरे को विभाजित नहीं किया जायेगा। किसी ग्राम पंचायत के प्रादेशिक क्षेत्र में केवल ऐसे राजस्व ग्राम, ग्रामों को सम्मिलित किया जायेगा जो भौगोलिक दृष्टि से एक-दूसरे से निकटस्थ हों। राजस्व ग्राम या ग्रामों को किसी पंचायत क्षेत्र में सम्मिलित करने में यह भी ध्यान रखा जायेगा कि इनके मध्य दूसरी ग्राम पंचायत का कोई प्रादेशिक क्षेत्र न पड़ता हो तथा ग्राम पंचायतो में सम्मिलित किये जाने वाले राजस्व ग्राम के बीच में कोई नदी नाला, पहाड़ या कोई प्राकृतिक अवरोध उसके बीच आवागमन में बाधक न हो।
वर्ष 2015 में नई पंचायतों के गठन की कार्रवाई देरी से प्रस्ताव भेजे जाने के कारण नहीं हो पाए थे। इस बार हर प्रस्तावों पर नियमों के आधार पर मंथन करके कार्रवाई की जा रही है। पंचायत चुनाव के पहले नई पंचायतों का गठन होना है।