MUZAFFARNAGAR-पालिका के आठ ठेकों में नहीं आई कोई निविदा

पार्किंग सहित आमदनी के अन्य ठेकों की खुली नीलामी के बजाये पहली बार कराई गई ई निविदा;

Update: 2025-04-25 10:57 GMT

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् की आमदनी के मुख्य स्रोतों में शामिल पार्किंग और अन्य मदों के ठेकों का प्रकरण इस वित्तीय वर्ष में नई व्यवस्था के कारण प्रभावित होता नजर आ रहा है। इन ठेकों के लिए पालिका प्रशासन हर बार खुली नीलामी कराता रहा है, लेकिन इस बार पालिका ने इनके लिए ई निविदा मांगी थी। शायद यह बदली व्यवस्था ठेकेदारों को आकर्षित नहीं कर पाई और किसी भी ठेके के लिए कोई ई निविदा नहीं आने से पालिका की आय भी प्रभावित होती दिख रही है।

नगरपालिका परिषद् के द्वारा अपनी आय के मुख्य स्रोत के रूप में पार्किंग और अन्य प्रचार प्रसार के माध्यम के लिए वार्षिक ठेका छोड़ा जाता है। इससे पालिका को मोटी आमदनी होती है। इस वित्तीय वर्ष में चाट बाजार के रूप में सबसे बड़ी आमदनी वाला ठेका बंद हो जाने से पालिका की आय पहले से ही प्रभावित मानी जा रही है, ऐसे में वित्तीय वर्ष का डेढ़ माह बीत जाने पर भी पालिका प्रशासन आठ ठेकों को नहीं छोड़ पाया है। पालिका द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए चार पार्किंग स्थल के साथ ही कुल आठ ठेके छोड़े जाने हैं। इनके लिए हर साल पालिका का कर विभाग खुली नीलामी कराकर सर्वाच्च बोली के आधार पर ठेका छोड़ता रहा है। इससे पालिका को आय भी बढ़ती है।

इस बार भी कर विभाग ने ऐसी ही तैयारी की थी, लेकिन पालिका प्रशासन ने इसमें नई व्यवस्था को लागू करते हुए खुली नीलामी के बजाये ई निविदा आमंत्रित करने का निर्णय लिया और टाउनहाल मैदान, रेलवे स्टेशन गेट नम्बर एक और गेट नम्बर दो तथा तहसील सदर की पार्किंग के साथ ही वॉल पेंटिंग बैनर, डिवाइडर पोल पर क्योक्स, रेत बालू और ऑटो रिक्शा से शुल्क वसूली का ठेका छोड़ने के लिए ई निविदा आमंत्रित की थी। इसमें वित्तीय वर्ष की ठेका धनराशि में दस प्रतिशत की वृ(ि करते हुए निविदा मांगी थी, पालिका चेयरपर्सन ने ई निविदा खोलने के लिए पांच सदस्यीय निविदा समिति का भी गठन कर दिया था, जिसमें अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा के अलावा लेखाकार, कर निर्धारण अधिकारी, कर अधीक्षक और सहायक अभियंता जल को शामिल किया गया। निविदा समिति ने गुरूवार को ई निविदा खोली, लेकिन सभी आठ ठेकों के लिए कोई भी ई निविदा नहीं आई।

कर निर्धारण अधिकारी दिनेश यादव ने बताया कि विभागीय स्तर पर आठ ठेकों को छोड़ने की प्रक्रिया ईओ के मार्गदर्शन में शुरू की गई थी। पहले खुली नीलामी होती रही है, लेकिन इस बार उन्होंने ई निविदा मांगने के आदेश दिए थे। इस पर ई निविदा मांगी गई, गुरूवार को उनको गठित समिति में शामिल अधिकारियों के समक्ष खोला गया, लेकिन किसी भी ठेके के लिए कोई भी निविदा नहीं आई। इसके लिए रिपोर्ट तैयार कर चेयरपर्सन को भेजी जा रही है, जैसा आदेश होगा, आगामी कार्यवाही की जायेगी।

ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने कहा कि ई-निविदा शासन की व्यवस्था है और इसके लिए स्पष्ट शासनादेश किया गया है। खुली नीलामी कराये जाने से पारदर्शिता भंग होने और आपसी साठगांठ की ज्यादा संभावना बनी रहती है। शासनादेश के अनुपालन में ही उनके द्वारा ठेकों के लिए ई निविदा की व्यवस्था की गई थी। किसी भी ठेके के लिए ई निविदा नहीं आई है। ये किसी साजिश का हिस्सा ज्यादा प्रतीत होता है, लेकिन हम फिर से आठ ठेकों के लिए ई निविदा आमंत्रित करने जा रहे हैं। खुली नीलामी नहीं कराई जायेगी। 

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