मुजफ्फरनगर में महाराणा प्रताप स्मारक में फंसा पेंच

खुफिया विभाग ने डीएम और एसएसपी को भेजी रिपोर्ट में ईदगाह के सामने मूर्ति लगाने के पालिका प्रशासन के प्रयासों पर जताई साम्प्रदायिक टकराव की आशंका। शामली रोड पर पुलिस चौकी के सामने ईदगाह तिराहे पर पालिका बोर्ड मीटिंग में महाराणा प्रताप मूर्ति स्मारक बनाने का हो चुका है प्रस्ताव। बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव पर हुआ था भारी हंगामा, सभासदों के साथ मुस्लिम संगठनों ने भी जताया विरोध, बहुमत में पारित हुआ है प्रस्ताव।

Update: 2020-10-29 15:30 GMT

मुजफ्फरनगर। शहर में ईदगाह के पास ही महाराणा प्रताप की मूर्ति लगाये जाने के प्रकरण में अब नया मोड़ आ गया है। इस मामले में नगरपालिका परिषद् बोर्ड मीटिंग में हुए भारी हंगामे के बीच बहुमत में 19 के मुकाबले 31 वोटों के आधार पर प्रस्ताव पारित किया गया, लेकिन कानून एवं शांति व्यवस्था के लिए पालिका प्रशासन के इस प्रयास को सही नहीं माना जा रहा है। खुफिया विभाग ने डीएम और एसएसपी को इस सम्बंध में जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें कहा गया है कि यदि ईदगाह के पास मूर्ति स्मारक बनाया गया तो इससे साम्प्रदायिक बवाल होने की प्रबल संभावना हैं। इस मामले में खुफिया रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद जिला प्रशासन के साथ ही पालिका प्रशासन ने भी अपने अपने स्तर से कार्यवाही प्रारम्भ कर दी हैं।

बता दें कि नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर की 07 अक्टूबर 2020 को बोर्ड मीटिंग आहुत की गयी थी। पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल के भाजपा में ज्वाइनिंग के बाद उनकी अध्यक्षता में यह पहली बोर्ड मीटिंग थी। इस मीटिंग में पूरा बोर्ड एजेेंडे को लेकर एकजुट रहा, लेकिन एजेंडा में शामिल प्रस्ताव संख्या 354 के अन्तर्गत शामली रोड पर ईदगाह के पास पुलिस चौकी के सामने महाराणा प्रताप मूर्ति स्मारक बनाने की बात पर बोर्ड दो फाड़ हो गया था। वार्ड 31 की सभासद पूनम शर्मा ने इसे शहर के हितों के विपरीत बताते हुए विरोध दर्ज गया और बोर्ड के सभी मुस्लिम सभासद भी उनके साथ आ खड़े हुए। इसको लेकर मीटिंग में घंटों तक हंगामा चलता रहा। बाद में पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल ने इस प्रस्ताव के लिए बहुमत जानने के लिए वोटिंग कराई, जिसमें इसके विरोध में 19 और पक्ष में 31 सभासदों ने अपना मत दिया। बहुमत के आधार पर महाराणा प्रताप मूर्ति स्मारक ईदगाह पर बनना स्वीकृत कर लिया गया। इसके बाद मुस्लिम सभासदों व संगठनों ने जिला पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से मिलकर अपनी नाराजगी जताई थी। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इसमें खुफिया विभाग से जांच भी कराई गई।

इस संवेदनशील मामले में खुफिया विभाग ;स्थानीय अभिसूचना इकाईद्ध के निरीक्षक ने जांच कराकर अब रिपोर्ट जिलाधिकारी और एसएसपी को भेजी है। इसमें महाराणा प्रताप मूर्ति स्मारक या किसी भी प्रकार की मूर्ति ईदगाह के पास तिराहे पर लगाने को लेकर दोनों सम्प्रदायों के बीच टकराव की संभावना से इंकार नहीं किया गया है। सूत्रों के अनुसार खुफिया विभाग ने अपनी इस रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि 07 अक्टूबर की नगरपालिका परिषद् की बोर्ड बैठक में शामली रोड पर पुलिस चौकी के सामने बने चबूतरे पर महाराणा प्रताप की मूर्ति स्मारक बनाने का प्रस्ताव पारित होने की जानकारी मिलने पर मुस्लिमों व मुस्लिम संगठनों ने भारी विरोध दर्ज कराया है। सूत्रों के अनुसार एलआईयू इंस्पेक्टर ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि जांच के दौरान सम्पर्क करने पर मुस्लिम समाज के लोगों ने यह स्पष्ट कहा है कि यदि पालिका प्रशासन ईदगाह के पास तिराहे पर महाराणा प्रताप या किसी की भी मूर्ति लगाई जाती है, तो उनके द्वारा इसका भारी विरोध करने के लिए आंदोलन करेंगे। इनका कहना है कि ईदगाह पर साल में दो बाद ईद की नमाज अदा की जाती है और इस्लाम धर्म में किसी भी मूर्ति के सामने नमाज अदा नहीं हो सकती है। जिस चबूतरे पर महाराणा प्रताप की मूर्ति स्थापित होने का प्रस्ताव पालिका प्रशासन ने किया है, वह ईद की नमाज के दौरान नमाजियों के बीच में आता है, जिस कारण नमाज में व्यवधान उत्पन्न होगा। वहीं पालिका प्रशासन के इस निर्णय का हिन्दू संगठनों द्वारा समर्थन किया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार खुफिया विभाग की रिपोर्ट में यह साफ कर दिया गया है कि यदि पालिका प्रशासन द्वारा ईदगाह के पास तिराहे के चबूतरे पर महाराणा प्रताप की मूर्ति स्थापित करायी जाती है तो इससे दोनों सम्प्रदायों के बीच टकराव की सम्भावना हैं। एलआईयू निरीक्षक ने इस मामले में शीघ्र ही समुचित कार्यवाही कराये जाने का सुझाव डीएम व एसएसपी को दिया है। इसके साथ ही विशेष पुलिस सतर्कता बरतने के लिए भी रिपोर्ट में कहा गया है। खुफिया विभाग की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि पालिका प्रशासन के उक्त प्रस्ताव को लेकर बोर्ड मीटिंग में सभाकक्ष के अन्दर का गुस्सा अब बाहर तक फैल रहा है, यदि यह प्रस्ताव अमल में लाया गया तो जनपद की कानून व्यवस्था को लेकर बड़ी चुनौती उत्पन्न हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने त्वरित कार्यवाही करते हुए एडीएम प्रशासन अमित सिंह को दिशा निर्देश दिये हैं, वहीं एडीएम प्रशासन ने सिटी मजिस्ट्रेट और पालिका के ईओ को निर्देशित किया है।

पालिका की खींचतान-भाजपा ज्वाइनिंग का भी जिक्र

मुजफ्फरनगर। महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगाये जाने के पालिका प्रशासन के प्रस्ताव पर खुफिया जांच में एलआईयू इंस्पेक्टर ने अपनी रिपोर्ट में नगर पालिका परिषद् में अध्यक्ष अंजू अग्रवाल और ईओ विनय कुमार मणि त्रिपाठी के बीच चल रही खींचतान का भी जिक्र किया है। इसके साथ ही कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर भाजपा ज्वाइनिंग करने के पालिकाध्यक्ष के फैसले को लेकर भी टिप्पणी की गयी है। सूत्रों के अनुसार एलआईयू इंस्पेक्टर ने रिपोर्ट में कहा है कि पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन की है। रिपोर्ट में पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल और ईओ के बीच काफी समय से चली आ रही खींचतान और मतभेद के अलावा 11 नवम्बर को प्रस्तावित सफाई कर्मचारी संघ के चुनाव और इसी दिन पालिका की बोर्ड मीटिंग बुलाने के निर्णयों को लेकर हो रही खींचतान को बड़ा मतभेद बताया गया है।

महाराणा प्रताप मूर्ति स्मारक चाहते हैं ये 31 सभासद

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् की 07 अक्टूबर की बोर्ड मीटिंग में प्रस्ताव संख्या 354 के तहत महाराणा प्रताप मूर्ति ईदगाह के पास लगाने के लिए विवाद के बाद वोटिंग कराई गई। एलआईयू निरीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया है, जिसके अनुसार 31 सभासदों ममतेश, सुनीता रानी, पिंकी, सचिन कुमार, नवनीत कुच्छल, साक्षी देवी, संगीता, राहुल पंवार, नरेश चन्द मित्तल, अरविन्द कुमार, हनी पाल, कैलाशो, उमादेवी, राजीव कुमार, रानी सक्सेना, प्रियांशु जैन, पवन कुमार, सुशीला, प्रवीण कुमार मित्तल, विकास गुप्ता, सनील शर्मा, ओम सिंह, सरला मलिक, प्रेमकुमार छाबडा, सलेक चंद, विपुल भटनाकर, कुसुमलता पाल, विकल्प जैन, अमित कुमार, मनीषा, मनोज वर्मा ने इस प्रस्ताव का पक्ष किया। जबकि इस प्रस्ताव के विरोध में सभासद दिलशाद, गय्यूर, आबिद अली, रिहाना कुरैशी, नदीम खान, पूनम शर्मा, परवेज आलम, इरफान अहमद, अहमद अली, सलीम अहमद, सरफराज, शफीक, नवाब जहां, हसीना, नाजरीन, गुलशन कुरैशी, मौहम्मद सरफराज, अब्दुल सत्तार ने अपना वोट दिया था।

पालिकाध्यक्ष ने ईओ को दिये शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश

मुजफ्फरनगर। शहर में ईदगाह पर महाराणा प्रताप की मूर्ति स्थापित किये जाने के पालिका प्रशासन के प्रयासों को लेकर खुफिया रिपोर्ट में साम्प्रदायिक टकराव की संभावना जताये जाने के बीच ही नगर पालिका परिषद् की अध्यक्ष अंजू अग्रवाल ने बोर्ड मीटिंग में पारित प्रस्ताव संख्या 354 के सम्बंध में अधिशासी अधिकारी विनय कुमार मणि त्रिपाठी को निर्देश दिया कि वह खुफिया विभाग को प्रस्ताव के बारे में अवगत करायेंगे। इसके साथ ही उन्होंने इस प्रस्ताव को स्वीकृत कराने के लिए शासन में कार्यवाही करने के लिए भी निर्देशित किया है। इस मामले में महाराणा प्रताप मूर्ति स्मारक बनाये जाने के प्रकरण में नया पेंच फंसा दिया है। 

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