MUZAFFARNAGAR---13 साल बाद मां से मिला बंदी तो नम हो गई आंख
जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा के अथक प्रयासों से परिजनों से मिला बिछड़ा अतुल, चोरी के मामले में है जेल में बंद
मुजफ्फरनगर। करीब 13 साल पहले आठ साल की अल्पायु में नाराजगी के चलते परिजनों को छोड़कर कर भाग आये अतुल को 13 साल बाद जब मां मिली तो वो एक अपराधी के रूप में जेल के आंगन में उसके सामने खड़ा था। मां के लिए अतुल उसका बेटा ही था, जिसके लिए उसने न जाने कितने दिन और रात आंख में आंसू लेकर गुजारे। हर प्रार्थना में वो अतुल की सलामती ही मांगती थी। आज भगवान ने उसकी प्रार्थना सुन ली थी। अतुल उसके सामने सही सलामत खड़ा था। अतुल ने मां और अपने भाई को सामने खड़े पाया तो वो भी भावुक हो गया। इस भावनात्मक मिलने के साक्षी बने कारागार के अफसर और कर्मचारियों की आंख भी नम हो गई।
जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि अतुल कुमार नामक युवक को नई मण्डी थाना क्षेत्र में दर्ज चोरी के मुकदमे में गिरफ्तार करने के बाद जेल भेजा गया था। अतुल जेल में बंदी के रूप में निरु( है। इसी बीच वह जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा के सम्पर्क में आया। उन्होंने उसको सुधार की सीख दी और एक अच्छा जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। इसी बीच अतुल से बातचीत हुई तो अतुल ने उनको बताया कि वो आठ साल की आयु में अपने घर को छोड़ आया था। परिजनों से नाराज होकर अतुल ने घर से बाहर कदम क्या निकाले, फिर वो वापस परिजनों के पास नहीं लौटा। परिजन भी 13 साल पहले निकले अतुल की तलाश कर थक चुके थे, लेकिन उसकी मां रोज ईश्वर से अतुल के कुशल के लिए प्रार्थना करती थी। अतुल की कहानी सुनी तो जेल अधीक्षक ने उसके परिजनों की तलाश के प्रयास शुरू कर दिये थे और अथक प्रयासों के बाद वो सफल हुए। आज अतुल की मां और उसके भाई को जनपद कौशाम्बी से ढूंढकर लाया गया और जिला कारागार में 13 साल के बाद अतुल और उसके परिजनों का मिलन गमगीन वातावरण में हुआ। अतुल की मां ने जेल अधीक्षक को साधुवाद दिया। इसके साथ ही सीताराम शर्मा ने बताया कि घर से लड़ाई में नाराजगी के कारण निकलने के बाद अतुल इधर उधर भटकता रहा, मेहनत मजदूरी कर पेट पाला, लेकिन इसी बीच वो गलत संगत में पड़ गया और उसको चोरी के मामले में जेल जाना पड़ा।