अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता अरुण कुमार जावला ने अदालत में सभी साक्ष्यों और गवाहों के बयान प्रस्तुत किए।
मुजफ्फरनगर। जनपद में 15 वर्ष पुराने एक सनसनीखेज मामले में अदालत ने अहम फैसला सुनाते हुए एक आरोपी को कठोर कारावास की सजा सुनाई है। पुरानी रंजिश के चलते 16 वर्षीय किशोर को फांसी पर लटकाकर जान से मारने का प्रयास करने वाले आरोपी को अपराध सिद्ध होने पर सात वर्ष की कैद और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि इस प्रकार के जघन्य अपराध समाज के लिए गंभीर खतरा हैं और इन्हें कड़ी सज़ा मिलनी ही चाहिए।
सूत्रों के अनुसार थाना खातौली क्षेत्र के ग्राम फहीमपुर में 10 अप्रैल 2009 को हुई जानलेवा वारदात के मामले में मंगलवार को फैसला सुनाया गया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 की पीठासीन अधिकारी नेहा गर्ग की अदालत ने आरोपी राज सिंह को धारा 307 और 452 के तहत दोषी करार देते हुए सात साल के कठोर कारावास तथा 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
अभियोजन के अनुसार, घटना वाले दिन 16 वर्षीय राहुल घर में अकेला था। उसी दौरान पुरानी रंजिश को लेकर आरोपी राज सिंह घर में घुस आया और किशोर को फांसी पर लटकाकर जान से मारने का प्रयास किया। परिजनों के लौटने पर उन्होंने राहुल को फंदे से उतारा और गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी जान बच सकी। पीड़ित की मां मिथिलेश ने इस घटना की रिपोर्ट थाना खातौली में दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (जानलेवा हमला) और 452 (गृह-भेदन) के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता अरुण कुमार जावला ने अदालत में सभी साक्ष्यों और गवाहों के बयान प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि आरोपी की मंशा साफ तौर पर हत्या करने की थी, जिसे अदालत ने सुनवाई के दौरान गंभीरता से लिया।
सभी साक्ष्यों और गवाहों पर विचार करने के बाद अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए सात वर्ष की सज़ा के साथ 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। आदेश के अनुसार, यदि जुर्माना अदा नहीं किया जाता है, तो आरोपी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। घटना वर्षों पुरानी होने के बावजूद गांव में आज भी चर्चा का विषय रहती है। फैसले के बाद पीड़ित परिवार ने न्यायालय का आभार व्यक्त किया और कहा कि देर से ही सही, आखिरकार उन्हें न्याय मिला।






