राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के संयोजक संजय अरोरा की तहरीर पर पुलिस ने की कार्यवाही, सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने का आरोप
मुजफ्फरनगर। जनपद में सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग और हथियारों के साथ फोटो तथा वीडियो वायरल करने के मामले में पुलिस ने संज्ञान लेते हुए एक युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मामला राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के संयोजक संजय अरोरा की शिकायत पर दर्ज हुआ है, जिन्होंने आरोप लगाया है कि संबंधित युवक न केवल मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक रील बना रहा है बल्कि धार्मिक उकसावे वाले पोस्ट भी प्रसारित कर रहा है।
राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के संयोजक संजय अरोरा पुत्र मोहन लाल अरोरा निवासी पारसनाथ, मुजफ्फरनगर ने जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय वर्मा से मिलकर लिखित शिकायत दर्ज कराई। तहरीर में उन्होंने बताया कि वह अपने आवास पर फेसबुक का उपयोग कर रहे थे, तभी ‘शाहिद खान नाम की एक आईडी उनके सामने खुली। इस आईडी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियाँ और अभद्र रीलें पोस्ट की गई थीं। इतना ही नहीं, उसी प्रोफाइल पर शाहिद खान ने अपनी तस्वीरें हथियारों के साथ साझा की थीं, जो सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर प्रतीत होती हैं।
संजय अरोरा ने आगे बताया कि जब उन्होंने उस युवक के यूट्यूब चौनल की भी जांच की, तो वहां भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भड़काऊ वीडियो और अमर्यादित टिप्पणियाँ अपलोड की गई थीं। इसके अलावा, शाहिद खान की सोशल मीडिया आईडी पर इस्लाम जिंदाबाद, मुस्लिम पावर, सब मुस्लिम भाई फॉलो करें, जैसे नारे लिखे हुए मिले, जो समाज में साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न कर सकते हैं। अरोरा का कहना है कि इन पोस्टों को देखने के बाद उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और उन्हें संदेह है कि उक्त युवक किसी बड़े आतंकी नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है। उन्होंने पुलिस से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
इस पर एसएसपी संजय वर्मा के निर्देश पर शहर कोतवाली में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है। पुलिस साइबर सेल के सहयोग से आरोपी युवक की पहचान और लोकेशन का पता लगाने में जुट गई है। शहर कोतवाल इंस्पेक्टर बबलू सिंह वर्मा ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर एक्सपर्ट्स को बुलाया गया है ताकि यह जांचा जा सके कि आरोपी की सोशल मीडिया गतिविधियों का कोई संबंध संगठित नेटवर्क या आपराधिक तत्वों से तो नहीं है। सोशल मीडिया पर इस प्रकार की भड़काऊ और अपमानजनक सामग्री फैलाना आईटी दंडनीय अपराध है। उन्होंने कहा कि आईटी एक्ट और बीएनएस की धारा 253-2 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।






