विद्यालय परिसर को रंगोली, दीपों और विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई विभिन्न प्रकार की सज्जा सामग्री से सजाया गया
मुजफ्फरनगर। एमजी पब्लिक स्कूल में दीपावली के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विद्यालय परिसर को रंगोली, दीपों और विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई विभिन्न प्रकार की सज्जा सामग्री से सजाया गया, जिससे वातावरण उल्लासपूर्ण हो गया। कार्यक्रम की शुरुआत लक्ष्मी-गणेश पूजन के साथ की गई। पूजन में एमजी चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन सतीश गोयल, स्कूल प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष विनीत सिंघल एवं कोषाध्यक्ष रोहित सिंघल के साथ ही प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका गर्ग ने समस्त विद्यालय परिवार के साथ सहभागिता की।
प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका गर्ग ने बताया कि विद्यालय में दीपोत्सव पर्व के अवसर पर अनेक गतिविधियों का आयोजन किया गया। इसमें कक्षा पाँचवीं और सातवीं के विद्यार्थियों ने दिवाली के पावन अवसर पर आयोजित अंतर-सदनीय रंगोली प्रतियोगिता में अपनी कलात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। पूरा परिसर सुन्दर रंगोली के कारण आकर्षित कर रहा था। रंगोली की प्रत्येक रचना में छात्र-छात्राओं की कल्पनाशीलता, टीमवर्क और प्रकाशोत्सव के उत्साह की झलक दिखाई दी। इसके अलावा कक्षा आठ के छात्र एवं छात्राओं ने अपार रचनात्मकता के साथ तोरण द्वार प्रतियोगिता में भाग लिया। इसके सहारे विद्यार्थियों ने स्वागत, समृद्धि और उत्सव के प्रतीक सुंदर तोरण बनाकर अपनी कला प्रतिभा को प्रदर्शित किया। उनके रंग-बिरंगे तोरण से विद्यालय परिसर को सुसज्जित किया गया था। इसके साथ ही छात्र छात्राओं ने अपने हाथों से दीपावली के लिए दीयों की साज सज्जा कर उनको एक सुन्दर रूप प्रदान किया।

इस अवसर पर एमजी चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन सतीश गोयल ने दीपावली पर्व को आपसी प्रेम, सौहार्द व सद्भाव से मनाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि दीपावली केवल रोशनी का पर्व नहीं, बल्कि यह हमारे जीवन से अंधकार, नकारात्मकता और अहंकार को मिटाकर ज्ञान, सत्य और सद्भाव का प्रकाश फैलाने का उत्सव है। हमारा एक अच्छा विचार, एक नेक कर्म और एक सच्चा प्रयास समाज में बड़ा परिवर्तन ला सकता है।
प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिक गर्ग ने दीपावली के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व पर विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने छात्रों को यह पर्व पर्यावरण संरक्षण के साथ मनाने की प्रेरणा देने के साथ ही कहा कि दीपावली को केवल बाहरी सजावट तक सीमित न रखें, बल्कि अपने अंतर्मन को भी रोशन करें। दूसरों की मदद करें, पर्यावरण का ध्यान रखें, पटाखों की जगह दीयों से रोशनी फैलाएं और सबसे बढ़कर, अपने परिवार, बुजुर्गों और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को समझें। उन्होंने सभी को शिक्षा, सेवा और संस्कारों की लौ को अपने जीवन में रोशन करने का संकल्प दिलाते हुए कहा कि यही सच्चे अर्थों में दीपावली का संदेश है। विद्यालय के अन्य शिक्षक एवं शिक्षिकाओं द्वारा भी पर्व के संबंध में अपने सुन्दर और प्रेरक विचार प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम के अंत में सभी ने एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं दीं तथा विद्यालय परिवार की ओर से देशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना के साथ सभी को प्रेमोपहार वितरित किये गये।







