छपार टोल प्लाजा डिप्टी मैनेजर की हत्या के तीन आरोपी गिरफ्तार, दो को पुलिस ने किया लंगड़ा
मुजफ्फरनगर। थाना छपार क्षेत्र में टोल प्लाजा डिप्टी मैनेजर की हत्या चंद मिनट की खुन्नस के कारण की गई। ड्यूटी पर देरी से आने के कारण टोका टाकी करने की रंजिश में पहले कमरे पर आकर मारपीट की और अपहरण करने के बाद हत्या कर दूसरे जिले में शव को फैंक दिया गया। इस सनसनीखेज हत्याकांड में पुलिस ने 24 घंटे के भीतर ही हत्यारोपियों को दबोच लिया। घटना में वांछित तीन हत्याभियुक्तों को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें दो अभियुक्त गोली लगने से घायल हुए हैं। उनके कब्जे से अवैध असलहे, मोबाइल फोन, एक डंडा व घटना में प्रयुक्त अर्टिगा कार बरामद की गई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने बताया कि 18/19 सितम्बर की रात दिल्ली देहरादून हाईवे पर स्थित छपार टोल प्लाजा के डिप्टी मैनेजर अरविन्द पांडेय पुत्र प्रकाश निवासी चंदौली और कुछ टोल कर्मियों के बीच ड्यूटी पर देरी से आने को लेकर विवाद हो गया था। आरोप है कि टोल कर्मियों ने अरविन्द पांडेय के साथ मारपीट कर उन्हें जबरन गाड़ी में डालकर ले गए। टोल मैनेजर मुकेश चौहान से भी मारपीट की गई। इस मामले में घायल मुकेश चौहान ने एसएसपी को शिकायत की थी। मुकेश चौहाने के अनुसार 18 सितम्बर की रात करीब डेढ़ बजे वो टोल के पास किराये के मकान में अपने कमरे में डिप्टी मैनेजर अरविंद के साथ सोये हुए थे, आरोपियों ने अपने साथ आये चार पांच लोगों के साथ आकर कमरा खुलवाया और तमंचों के आतंक से भयभीत करते हुए मारपीट की, अरविंद को अपनी कार में डालकर ले गये थे।
19 सितम्बर को थाना जानी, मेरठ से एक अज्ञात शव मिलने की सूचना मिली थी, जिसकी पहचान अरविन्द पांडेय के रूप में हुई। इसके बाद छपार थाने में मुकेश की तहरीर पर दर्ज जानलेवा हमले के अभियोग में हत्या की धाराएं जोड़ी गईं।
एसएसपी ने बताया कि 19/20 सितम्बर की रात छपार पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी बदमाश अर्टिगा कार से एनएच-58 की ओर आ रहे हैं। पुलिस ने बाईपास पुल के नीचे चेकिंग शुरू की। कुछ देर में संदिग्ध अर्टिगा कार दिखी जिसे रोकने का प्रयास किया गया। गाड़ी सवार बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी और भागने लगे। जवाबी कार्रवाई में दो अभियुक्त शुभम उर्फ मनी पुत्र उपेन्द्र निवासी मोहम्मदपुर राय सिंह थाना भोराकलां और उसका साथी शेखर पुत्र अशोक निवासी मौहल्ला सिरौही थाना गुलावठी बुलन्दशहर पुलिस की गोली लगने के कारण घायल हो गये। जबकि इनके एक साथी प्रदीप कुमार पुत्र मनवीर निवासी आदर्श नगर कॉलोनी बुलन्दशहर को घेराबंदी कर दबोच लिया गया।
पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि टोल पर ड्यूटी में देरी को लेकर हुए विवाद के बाद मैनेजर और डिप्टी मैनेजर द्वारा की गई कथित अभद्रता से नाराज़ होकर उन्होंने उसकी हत्या की योजना बनाई। पहले दोनों के साथ मारपीट की गई और फिर डिप्टी मैनेजर अरविन्द पांडेय का अपहरण कर हत्या कर दी गई। इस कार्रवाई में थानाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह सहित कुल नौ पुलिसकर्मी शामिल रहे, जिनमें उपनिरीक्षक दीपक कुमार, राहुल कुमार, शुभम त्यागी, रजत कुमार, सत्यप्रकाश यादव, राहुल कुमार वर्मा तथा कांस्टेबल कैलाश कुमार और सोहनवीर शामिल हैं।