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MUZAFFARNAGAR-शहर के विकास में पालिका का सहयोगी बनेगा एमडीए

मुजफ्फरनगर। विभागों के बीच आपसी समन्वय न होने के कारण विकास की तस्वीर लगातार बिगड़ने और सरकारी मद में धनराशि अनावश्यक रूप से खर्च होने के कई मामले यदा कदा सामने आते रहे हैं। एक विभाग सड़क बनाता है तो दूसरा विभाग उसके चंद रोज बाद ही नया कार्य करने के लिए उसी नई नवेली सड़क को खोदकर गड्ढों में तब्दील कर देता है। ऐसे में जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने अब विकास के पैमाने पर विभागीय समन्वय बनाकर कम से कम शहर को सुन्दर रूप प्रदान करने के लिए एक अनोखी पहल की है। उन्होंने मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण ;एमडीएद्ध और नगरपालिका परिषद् को प्रशासनिक निगरानी में एक साथ लाने की कवायद की जा रही है। इसमें शहरी क्षेत्र के कुछ चौराहों, सड़कों और पार्कों को विकास एवं सौन्दर्यकरण के लिए एमडीए को देने का निर्णय लिया गया है, साथ ही विकास कार्य कराने से पहले प्रशासन के साथ मिलकर दोनों विभागों के अधिकारी अपने अपने प्रस्ताव रखेंगे और इसके बाद ही उनको स्वीकृति मिलेगी, ताकि कार्य का कहीं पर भी दोहराव न हो सके।

शुक्रवार को जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में एमडीए के सभागार में विकास कार्यों पर विभागीय समन्वय बनाने के लिए एक अनोखी पहल के लिए मीटिंग का आयोजन किया गया। इसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप, अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह तो वहीं एमडीए उपाध्यक्ष कविता मीणा और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। पालिका और एमडीए के बीच आपसी समन्वय बनाने के लिए शहर के विकास के लिए एक रोड मैप तैयार करने पर खुलकर चर्चा की गई। डीएम उमेश मिश्रा ने मीटिंग में इस बात पर जोर दिया कि शहर के विकास के लिए एमडीए और पालिका आपसी समन्वय बनाकर कार्य करें, मनमर्जी से काम करने की परिपाटी को लेकर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि एक ही काम पर दोनों विभाग लगे रहते हैं और ऐसे में पैसा बर्बाद होता है। धनराशि का सदुपयोग करने के लिए यह जरूरी है कि दोनों के स्तर से अलग अलग विकास कार्य चिन्हित करते हुए आपसी राय मश्विरा मिलाकर काम किया जाये।

इसमें जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने कहा कि एमडीए पालिका के साथ मिलकर शहर के कुछ चौराहों, पार्कों और सड़कों को सौन्दर्यकरण एवं विकास कार्य के लिए अपने एजेंडे में शामिल करे और पालिका प्रशासन भी जो कार्य करने जा रहा है, उसकी पूर्ण जानकारी एमडीए को देते हुए उसकी एनओसी लेने के बाद ही कार्य शुरू कराये। इसमें किसी भी प्रकार का विभागीय कम्युनिकेशन गेप नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी तक जो कार्य हो चुका है, उसको छोड़कर आगामी कार्यों की रूपरेखा दोनों को मिलकर बनानी होगी। इसमें प्रशासनिक अधिकारी निगरानी करने का काम करेंगे। मीटिंग में पालिका के एई निर्माण अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि पालिका के बोर्ड से स्वीकृत सभी निर्माण कार्यों के प्रस्ताव एमडीए को भेजे जाते रहे हैं। उन्होंने बताया कि एटूजेड रोड पर पालिका के द्वारा सीवर लाइन डालने का कार्य प्रस्तावित है। यहां पर एमडीए सड़क निर्माण कराने जा रहा है, तब तक यह सड़क न बनाई जाये, जब तक पालिका सीवर लाइन न बिछा ले। इसके साथ ही पालिका के बोर्ड फंड या अन्य मद में जो भी कार्य प्रस्तावित हैं, उनकी सूची भी एमडीए को भेजी गई है।

ईओ पालिका डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि डीएम उमेश मिश्रा के निर्देशन में मीटिंग में यह तय किया गया है कि शहरी विकास में अब पालिका के साथ एमडीए भी अपना योगदान करेगा, इसके लिए कुछ पार्कों, चौराहों और सड़कों को एमडीए को दिया जायेगा, जिसकी सूची जल्द ही तैयार करा ली जायेगी। इसके साथ ही जो भी नए काम होंगे वो आपसी समन्वय बनाकर किये जायेंगे। इसमें सबसे पहले सरकूलर रोड का कार्य होगा और इसके बाद एटूजेड रोड का कार्य दोनों मिलकर आपसी सहमति से करेंगे। एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि पालिका और एमडीए के बीच विकास कार्यों को लेकर आपसी सहमति बनाने के लिए ही डीएम उमेश मिश्रा ने मीटिंग ली। इसमें शहरी विकास में एमडीए को भी काम दिया जायेगा। इसके साथ ही शहर के विकास के लिए उद्योगपतियों से भी सहयोग लेने पर सहमति बनी है, जिसकी रूपरेखा जल्द तैयार की जायेगी। इसमें डीएम ने अतिक्रमण हटवाने से पहले ठेले और ठिये वालों के लिए वैकल्पिक स्थान चिन्हित करने के निर्देश देते हुए अधिकारियों को कहा है कि इसके बाद ही इनको शहर के व्यस्त क्षेत्रों से हटवाने का अभियान चलाया जाये। मीटिंग में डीएम उमेश मिश्रा के अलावा पालिका चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप, एमडीए उपाध्यक्ष कविता मीणा, सचिव आदित्य प्रजापति, एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर, एडीएम वित्त गजेन्द्र कुमार, एसडीएम सदर निकिता शर्मा, ईओ पालिका डॉ. प्रज्ञा सिंह, एई निर्माण अखंड प्रताप सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। 

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