मुजफ्फरनगर। इस बार कांवड़ मार्ग पर पहली बार शिवभक्तों का रैला उमड़ने से पूर्व ही किसी भी प्रकार की बाधा को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। डीजे और बड़ी झांकी वाली कांवड़ों को स्मूथ वे उपलब्ध कराने के लिए नगरपालिका परिषद् के द्वारा दो यूनीपोल को हटवाया जा चुका है, अब शहर के बीच कांवड़ मार्ग पर लगे एक यूनीपोल को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस यूनीपोल को लेकर दो हिन्दूवादी संगठन अपने अपने प्रचार के लिए आमने सामने आ गये हैं। मामला अफसरों तक पहुंचा और अधिकारियों ने जांच शुरू करा दी है।
10 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है, हालांकि शिव भक्त कांवड़ियों का उत्तराखंड से गंगा जल लेकर कांवड़ा यात्रा पर शहर में आगमन करीब एक माह से हो रहा है और पिछले दो तीन दिनों से इसमें भीड़ लगातार बढ़ रही है। ऐसे में प्रशासन और पुलिस ने अपनी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना प्रारम्भ कर दिया है। अब शहर में कांवड़ मार्ग पर लगा एक यूनीपोल जिला प्रशासन और पुलिस के साथ ही नगरपालिका के लिए सिरदर्द बन गया है। शहर में आनंद भवन के सामने डिवाईडर पर लगे इस यूनीपोल पर दो हिंदूवादी संगठनों ने अपना एकाधिकार स्थापित करने का प्रयास किया है, इसको लेकर दोनों संगठन के नेता आमने सामने आ गये हैं, जिससे संगठनात्मक विवाद पैदा हो जाने से अफसर परेशान हो गये हैं।
दरअसल आनंद भवन स्थित शिव मंदिर में करीब तीन दशक से शिवसेना नेता ललित मोहन शर्मा द्वारा शिव भक्त कांवड़ियों की सेवा के लिए सेवा शिविर का आयोजन किया जाता है। उनका यह शिविर जिले में सबसे लंबा चलने वाला शिविर है, जो सावन माह के प्रथम दिन से शिवरात्रि तक चलता है। इसी आनंद भवन के सामने स्थित यूनीपोल पर ललित मोहन शर्मा द्वारा शिविर के प्रचार के लिए फ्लैक्स लगवाया जाता है। आनंद भवन के पास ही स्वरूप प्लाजा में अखिल भारत हिंदू शक्ति संगठन के द्वारा भी शिविर आयोजित किया जाता है। संगठन के राष्ट्रीय संयोजक संजय अरोरा ने भी इसी यूनीपोल पर शिविर प्रचार के लिए फ्लैक्स लगवाने का दावा किया है, जिससे दोनों संगठन आमने सामने आ गये हैं। यूनीपोल की एडवरटाइजिंग कंपनी भी दोनों की लड़ाई में परेशान है। मामला नगरपालिका तक जा पहंुचा तो ईओ ने इस यूनीपोल को हटवाने के लिए कह दिया।
सोमवार को इस प्रकरण में शिवसेना शिंदे गुट के पदाधिकारी शरद कपूर, उज्जवल पंडित, आनंद गोयल आदि टाउनहाल पहुंचकर ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह से मिले और बताया कि उनका संगठन करीब तीन दशक से यहां शिविर लगा रहा है और इसी शिविर का प्रचार करने के लिए आनंद भवन के सामने वाले यूनीपोल पर फ्लैक्स उनके संगठन का ही लगता आ रहा है। ऐसे में दूसरे संगठन के लोग बिना वजह विवाद पैदा करना चाह रहे हैं। उन्होंने इसके लिए जांच की मांग भी की। ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि प्रकरण में विभागीय रिपोर्ट मांगी गयी है, जिसमें बताया गया कि यूनीपोल का रजिस्ट्रेशन कराने वाली कंपनी सि( एडवरटाइजिंग के मालिक आशीष कुमार से भी पूछताछ की गई है तो पता चला कि दो हिंदूवादी संगठनों के पदाधिकारियों के बीच एक यूनीपोल पर प्रचार फ्लैक्स लगाने को लेकर वर्चस्व स्थापित करने के उद्देश्य से ही यह विवाद बना हुआ है। कहना है कि यहां पर कांवड़ यात्रा के दौरान बरसों से शिवसेना का ही प्रचार फ्लैक्स लगता आया है, मामले में शिकायत मिली है, जांच कराई जा रही है। इसके बाद डीएम को भी इससे अवगत कराया जायेगा।
शहरी क्षेत्र के कांवड़ मार्ग पर लगे यूनीपोल-डिवाईडर का होगा सर्वे
मुजफ्फरनगर नगरपालिका परिषद् की ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने कार्यवाहक कर अधीक्षक पारूल यादव को शहरी क्षेत्र के कांवड़ मार्ग बझेडी अंडरपास से लेकर वहलना चौराहे तक और शिव चौक से काली नदी पुल तक डिवाईडर और उन पर लगे यूनीपोल का सर्वे कराये जाने के साथ ही तत्काल रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। ईओ डॉ. प्रज्ञा ने बताया कि कांवड़ यात्रा को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए कांवड़ मार्ग पर दो स्थानों मदीना चौक बझेडी रोड और नावल्टी चौराहे से दो यूनीपोल को हटवाया गया है, इनके कांवड़ा यात्रा के दौरान बड़ी कांवड़ों के आवागमन में बाधा बनने की संभावना थी। अब ऐसे ही एक अन्य यूनीपोल को लेकर विवाद हो रहा है। इसको देखते हुए पूर्ण कांवड़ मार्ग का सर्वे कराया जा रहा है। इसमें यदि कोई यूनीपोल या डिवाईडर बड़ी कांवड़ों के सुलभ अवागामन को प्रभावित करता प्रतीत होगा तो उसको हटवाने का काम किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए एसपी ट्रेफिक को भी पत्र भेजा गया है, जिसमें उनसे कांवड़ मार्ग पर बड़ी कांवड़ों के आवागमन में यूनीपोल आदि से कोई बाधा की संभावना को लेकर जानकारी मांगी गयी है। रिपोर्ट आने के बाद आगामी कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।