पेंशन के पुत्र द्वारा लिखित श्रीमद् भागवत गीता सार का हुआ विमोचन, पेंशनर्स की समस्याओ पर मंच के पदाधिकारियों ने की चर्चा
मुजफ्फरनगर। पचेण्डा रोड स्थित भारतीय पेंशनर्स मंच के कैंप कार्यालय पर राष्ट्रीय महासचिव हरिमोहन शर्मा के नेतृत्व में मासिक बैठक आयोजित की गई। इस दौरान बैठक में पेंशनरों की मुख्य समस्या का निस्तारण करते हुए आठ सदस्यों को प्रभारी बनाया है जो 65 से 80 साल की उम्र पूरी कर चुके पेंशनर्स का जीवन प्रमाण पत्र बनाएंगे। इसके साथ ही आज की मासिक बैठक में मुकेश के द्वारा लिखित श्रीमद् भागवत गीता सार का विमोचन भी किया गया और सभी सदस्यों को एक-एक श्रीमद् भागवत कथा और शॉल देकर सम्मानित किया गया।
भारतीय पेंशनर्स मंच के राष्ट्रीय महासचिव हरिमोहन शर्मा ने बताया कि बैठक प्रति एक महा इस कार्यालय पर की जाती है। इस बैठक में हमारे जो पेंशनर्स की समस्याएं होती है स्थानीय स्तर की हो राष्ट्रीय स्तरीय या सर्किल स्तर की हो उनका समाधान किया जाता है। हमारे बीच में हमारी पोस्ट ऑफिस के पोस्ट मास्टर के सुपुत्र मुकेश कुमार जो दिल्ली जेल बोर्ड के अंतर्गत सीनियर अकाउंट ऑफिसर है, उनके द्वारा भागवत कथा सार लिखा गया है। उसका आज हमारे चेतन स्वरूप शास्त्री जी के द्वारा इसका विमोचन किया गया है। इसके बाद हमारे सभी साथियों को श्रीमद् भागवत पढ़ने के लिए निरूशुल्क वितरित की गई है।
उन्होंने बताया कि पेंशनरों की इस वक्त जो समस्या है वह 80 साल से ऊपर के बुजुर्गों का जीवन प्रमाण पत्र बनाया जाता है, वह अक्टूबर माह में बनाया जाता है जो 80 साल से नीचे 60 से 80 के बीच में है उनका नवंबर माह में बनाया जाता है।हमारे आठ सदस्य प्रभारी नियुक्त किए गए हैं, जो जीवन प्रमाण पत्र बना रहे हैं और यह यहां मुजफ्फरनगर में ही नहीं बना रहे हैं पूरे भारत में हमारे संगठन के लोग जीवन प्रमाण पत्र बना रहे हैं। यह सभी पेंशनर्स के जीवन प्रमाण पत्र बनाकर के ऑनलाइन भेज रहे हैं। 80 साल से ऊपर वालों को 20 प्रतिशत छोड़ा जाता है उसके लिए हमने सरकार से निवेदन किया है कि वह जो 65 साल पर 5 प्रतिशत और 70 पर पांच परसेंट और 75 साल पर पांच परसेंट और इस हिसाब से 80 साल में 20 प्रतिशत मिलता है। हमारे पेंशनर्स बहुत से 80 साल की उम्र पूरे नहीं कर पाते इसलिए उन्हें 65 साल में ही यह लाभ दिया जाए। इसके साथ ही हमारे जो 2004 के बाद में सेवानिवृत हुए हैं उन्हें पेंशन से अलग कर दिया गया। हमारी सरकार से मांग है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाये। इसके लिए सभी संगठन विरोध और प्रदर्शन कर रहे हैं। मुज़फ्फरनगर के अंदर सीजीएस डिस्पेंसरी नहीं है यह मेरठ में है और हमारे पेंशनर्स को वहां पर जाना पड़ता है इससे हमारा बहुत समय बर्बाद होता है उसके लिए हम प्रयासरत है। इसके लिए संचार निगम और इनकम टैक्स के द्वारा जमीन भी उपलब्ध करा दी गई है और शीघ्र ही मुजफ्फरनगर में यह डिस्पेंसरी वैलनेस सेंटर खुलने जा रहा है।






